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जादवपुर विश्वविद्यालय : पुराने ओबीसी नियमों के साथ साइंस व आर्ट्स में यूजी प्रवेश

जेयू की अधिसूचना में कहा गया कि प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा 22 मई को पारित आदेशों के अधीन आगे बढ़ाया जाता है. बंगाल के अलावा अन्य राज्यों के ओबीसी उम्मीदवार पश्चिम बंगाल में शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षित कोटे का लाभ पाने के हकदार नहीं हैं.

कोलकाता.

जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) ने पुराने ओबीसी नियमों के साथ विज्ञान व आर्ट्स कार्यक्रमों में स्नातक प्रवेश शुरू किया है. पिछले साल मई में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल में नौकरियों में आरक्षण के लिए 2012 के अधिनियम के तहत जेयू ने स्नातक प्रवेश शुरू किया. दो दिन पहले राज्य द्वारा संचालित केंद्रीकृत प्रवेश पोर्टल के माध्यम से 461 सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में प्रक्रिया शुरू हुई थी.

साइंस और आर्ट्स कोर्स में प्रवेश के लिए वेबसाइट पर अपलोड की गयी अधिसूचना में कहा गया था कि विश्वविद्यालय नये ओबीसी नियमों को लागू नहीं करेगा. राज्य सरकार ने आठ जून को नये नियमों को अधिसूचित किया था. न्यायालय ने 17 जून को कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था. जेयू की अधिसूचना में कहा गया कि प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा 22 मई को पारित आदेशों के अधीन आगे बढ़ाया जाता है. बंगाल के अलावा अन्य राज्यों के ओबीसी उम्मीदवार पश्चिम बंगाल में शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षित कोटे का लाभ पाने के हकदार नहीं हैं. ऐसे छात्रों को आरक्षित कोटे का लाभ मिल सकता है, यदि उनके पास पश्चिम बंगाल में 10 साल के निवास का अधिवास प्रमाण पत्र है.

जेयू के कार्यवाहक रजिस्ट्रार इंद्रजीत बनर्जी ने कहा : हमने प्राप्त कानूनी सलाह के अनुसार काम किया है. जेयू के एक अधिकारी ने बताया कि 2010 से पहले जो नियम थे, उनमें सात प्रतिशत ओबीसी आरक्षण दिया गया था, उन्हें लागू किया जायेगा. जेयू की कार्यकारी परिषद में अंग्रेजी के प्रोफेसर और राज्य उच्च शिक्षा परिषद के मनोनीत सदस्य मनोजीत मंडल ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि विश्वविद्यालय नये ओबीसी नियमों को ध्यान में नहीं रख रहा है, जबकि 461 सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेज इसका पालन कर रहे हैं. अधिक वंचित समुदायों को आरक्षण लाभ देने के लिए अधिसूचना का मसौदा तैयार किया गया है, लेकिन जेयू ने ऐसा नहीं होने दिया. जेयू के शिक्षक संघ के सचिव पार्थ प्रतीम राय ने कहा : जेयू एक स्वायत्त संस्थान है और ओबीसी आरक्षण पर निर्णय लेना उसके पूर्ण अधिकार में है.

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