12 कोच वाली अत्याधुनिक मेधा रैक चेन्नई के आइसीएफ फैक्टरी में हुई तैयार
जल्द ही दो मेधा रैक पहुंचेगी कोलकाता, मार्ग और किराया को लेकर मंथन जारीश्रीकात शर्मा, कोलकाता
एक तरफ जहां जल्द ही ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के एस्प्लेनेड से सियालदह तक परिचालन शुरू होने की खबर है वहीं कोलकाता वासियों को जल्द ही वातानुकूलित लोकल ट्रेन की सौगात मिलने वाली है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही दो एसी मेधा रेक सियालदह मंडल पहुंचने वाली है, इसमें 12 कोच होंगे. एसी लोकल ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. इसमें मेट्रो की रेक की तरह स्वचालित दरवाजे लगे होंगे और खिड़कियों पर पारदर्शी शीशे लगे होंगे. ट्रेन की सभी बोगियां जीपीएस वेस डिसप्ले बोर्ड और अत्याधुनिक एईडी युक्त एनाउमेंस सिस्टम से लैस होंगी. एसी लोकल ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे होगी. इस ट्रेन में एक बार में एक हजार यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था होगी. मिली जानकारी के अनुसार इस रैक को भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां यानी इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आइसीएफ), चेन्नई ने तैयार किया है. 12 कोच एक एसी ट्रेन तैयार करने में 54 करोड़ रुपये की लागत आयी है. माना जा रहा है कि एसी लोकल ट्रेन के आने से यात्रियों को गर्मी से राहत मिलेगी और सफर सुहाना होगा. यह अलग बात है कि एसी लोकल ट्रेन का किराया साधारण ईएमयू लोकल ट्रेनों से थोड़ा ज्यादा होगा. वैसे तो सियालदह मंडल में एसी लोकल ट्रेन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन अभी तक एसी लोकल के लिए रूट का निर्धारण नहीं हो पाया है. रेलवे सूत्र बताते हैं कि एसी लोकल, सियालदह मंडल के उसी रूट को मिलने की ज्यादा संभावना है, जिस रूट में दैनिक यात्रियों का दबाव अधिक होता है. माना जा रहा है कि एसी लोकल सियालदह-बारासात या सियालदह-रानाघाट सेक्शन को मिल सकती है.पहली एसी लोकल ट्रेन मुंबई में चली थी : उल्लेखनीय है कि 25 दिसंबर 2017 को मुंबई को क्रिसमस उपहार के रूप में भारत की पहली एसी उपनगरीय लोकल ट्रेन मिली थी. 12 कोच ईएमयू की पहली सेवा बोरिवली और चर्चगेट के बीच शुरू चली वर्तमान में मुंबई में दर्जनों एसी लोकल चलती हैं.
कॉमर्सियल रन से पहले होगा ट्रायल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी नयी ट्रेन के लिए चार चरणों में ट्रायल करने पड़ते हैं. पहला स्टैटिक ट्रायल जिसमें यार्ड के अंदर ही पूरी ट्रेन को जांचा-परखा जाता है. इसके बाद डायनेमिक ट्रायल, जिसमें ट्रेन को यार्ड के बाहर निकालकर अलग-अलग कसौटी पर जांच की जाती है. इसके बाद आरडीएसओ की देखरेख में ट्रायल होता है, जिसमें अलग-अलग गति और वजन के साथ ट्रेन का ट्रायल किया जाता है. सबसे अंत में फिटनेस का ट्रायल होता है, जिसमें कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की संतुष्टि के आधार पर ट्रेन को ट्रैक पर यात्रियों के लिए दौड़ाने का सर्टिफिकेट मिलता है. यह तमाम ट्रायल के बाद ट्रेन का परिचालन होगा.
काफी किफायती होगा सफर
मिली जानकारी के अनुसार एसी लोकल केवल प्रमुख स्टेशनों पर ही रूकेगी. हालांकि इस एसी लोकल का किराया अभी तय नहीं है, इसके लिए मंडल को रेलवे बोर्ड से अनुमति लेनी होगी.
सूत्रों की मानें तो एसी लोकल का किराया काफी किफायती होगा. मिली जानकारी के अनुसार यदि कोई यात्री एसी बोगी में रानाघाट से सियालदह या फिर बारासात से सियालदह तक की यात्रा करता है, तो उसे 350 से 400 तक किराया चुकाना पड़ता है, लेकिन यदि एसी लोकल शुरू हुई तो इस दूरी के लिए यात्रियों को मात्र 80 रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है