कोलकाता. ओरल सेमाग्लूटाइड ने एसओयूएल परीक्षण में हृदय संबंधी रोगों को कम करने में प्लेसबो की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. यह परीक्षण टाइप-2 मधुमेह और कार्डियोवैस्कुलर/किडनी रोग वाले वयस्कों पर किया गया था. परीक्षण के परिणामों को अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रस्तुत किया गया था और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी प्रकाशित किया गया था. इस संबंध में चेलाराम डायबिटीज़ इंस्टीट्यूट, पुणे के सीईओ और एंडोक्राइनोलॉजी प्रमुख डॉ एजी उन्नीकृष्णन ने कहा कि सोल ट्रायल से एक महत्वपूर्ण खबर यह है कि ओरल सेमाग्लूटाइड ने एमएसीई जोखिम को कम किया है. यह टाइप 2 डायबिटीज़ प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त करता है. इस संबंध में जीडी हॉस्पिटल एंड डायबिटीज़ इंस्टीट्यूट, कोलकाता के डॉ एके सिंह ने कहा कि सोल ट्रायल इस बात की पुष्टि करता है कि ओरल सेमाग्लूटाइड टाइप 2 डायबिटीज़ में हृदय जोखिम को प्रभावशाली रूप से कम करता है.
यह उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए एक प्रमुख ओरल एंटी-डायबेटिक ड्रग बनकर उभरा है. इसके कार्डियो-मेटाबॉलिक लाभ टाइप 2 डायबिटीज़ प्रबंधन को एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हैं.
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