कोलकाता.
आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यहां अपनी सांगठनिक शक्ति को और मजबूत करने के लिए पूरा जोर दे रही है. बूथ स्तर पर पार्टी की सांगठनिक शक्ति को और बेहतर करने के लिए प्रदेश भाजपा ने बुधवार से राज्य भर में बूथ सशक्तीकरण अभियान शुरू किया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बूथ स्तर पर सांगठनिक शक्ति को लेकर सवाल उठाया था. इसके बाद ही बूथ स्तर पर पार्टी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मंगल पांडे ने इसका जिम्मा अपने हाथों में लिया है. बताया गया है कि यह कोई सार्वजनिक या सर्वव्यापी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भाजपा का आंतरिक कार्यक्रम है. आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंडल, मतदान केंद्र और बूथों की स्थिति निरीक्षण करने के लिए न केवल प्रदेश नेतृत्व, बल्कि केंद्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधि भी सीधे मैदान में उतर रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि पश्चिम बंगाल के प्रभारी केंद्रीय पर्यवेक्षक (राजनीतिक) मंगल पांडे ने खुद मंडल स्तर पर जाकर बैठक करने का फैसला किया है. भाजपा सूत्रों का दावा है कि शुभेंदु ने संकेत दिया था कि जिला स्तर तक तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन निचले स्तर पर सांगठनिक शक्ति को लेकर खाता-कलम में दिखाए जा रहे हिसाब-किताब और हकीकत में काफी अंतर है. इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अब स्वयं इसकी समीक्षा करने जा रहे हैं.बताया गया है कि बुधवार से भाजपा ने यह अभियान शुरू किया है और तीन दिनों तक भाजपा के वरिष्ठ नेता जिले-जिले जाकर मंडल स्तर पर संगठनात्मक स्थिति की जांच करेंगे. समीक्षा में इस बात की जांच की जायेगी कि मंडल समिति, जिला समितियों की जो सूची सौंपी गयी है, उससे मेल खाती है या नहीं. शक्ति केंद्र स्तर पर सर्वे सात जून से शुरू होगा. उस स्तर पर संगठनात्मक सर्वे एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक चलेगा. भाजपा ने सांगठनिक शक्ति की तीन चरणों में समीक्षा करने की रणनीति बनायी है. पहले चरण में जिला, मंडल, शक्तिकेंद्र और बूथ स्तर पर सीधे पहुंचकर संगठन की स्थिति को परखा जायेगा और उसके आधार पर दिल्ली के सामने असली लेखा-जोखा पेश किया जायेगा. जिन क्षेत्रों में इस सर्वेक्षण के जरिए संगठनात्मक ढांचे में खामियां पायी जायेंगी, वहां दूसरे चरण में उन खामियों को भरने का काम किया जायेगा. उसके बाद सभी जगह काम हो जाने के बाद तीसरे चरण में ””””सांगठनिक मजबूत”””” करने की कोशिश होगी.
बताया गया है कि समीक्षा करने वालों में प्रदेश भाजपा के दो संगठन सचिव अमिताभ चक्रवर्ती और सतीश धोंड इस सूची में सबसे ऊपर हैं. इसके बाद पांच महासचिव- जगन्नाथ चटर्जी, लॉकेट चटर्जी, दीपक बर्मन, अग्निमित्रा पाल, ज्योतिर्मय महतो, दो उपाध्यक्ष- रथींद्रनाथ बसु और खगेन मुर्मू भी शामिल हैं. इसके अलावा शंकर घोष और तीन पूर्व केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक, देवश्री चौधरी और सुभाष सरकार को भी समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. दूसरे शब्दों में, प्रदेश अध्यक्ष और विपक्ष के नेता को छोड़कर, राज्य भाजपा के अन्य सभी नेता संगठनात्मक शक्ति की समीक्षा के लिए तीन दिवसीय अभियान पर निकल पड़े हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है