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शिक्षक नियुक्ति का रास्ता साफ, हाइकोर्ट ने नियमों से जुड़ी अपीलें खारिज कीं

कलकत्ता हाइकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के लिए चयन प्रक्रिया की अनुमति दे दी.

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता हाइकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के लिए चयन प्रक्रिया की अनुमति दे दी. खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों की अपीलें खारिज कर दीं, जिसमें स्कूल सेवा आयोग द्वारा 2025 के भर्ती नियमों के कुछ प्रावधानों को दी गयी चुनौती पर विचार नहीं किया गया था. न्यायाधीश सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद सोमवार को चारों अपीलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र उम्मीदवारों का निर्धारण करने के लिए स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर पर न्यूनतम अंक निर्धारित करने और अंक आवंटन के नियम में बदलाव से संबंधित 2025 के नियमों के कुछ प्रावधानों को एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी थी. खंडपीठ ने उम्मीदवारों की अपीलों को खारिज कर दिया. अपीलों को खारिज करने से राज्य सरकार और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग को स्कूल शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गयी है. फैसला सुनाए जाने के बाद राज्य के वकील कल्याण बनर्जी ने कहा: यह राज्य की बड़ी जीत है. अदालत ने राज्य के अधिकारों को मान्यता दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार शुरू की जाये. राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा: 26,000 नौकरियों को रद्द करने का फैसला 2019 के नियुक्ति नियमों के बाद आया. उस समय किसी ने उस नियम को चुनौती नहीं दी थी. ऐसे में कोई भी एसएससी भर्ती नियमों को चुनौती नहीं दे सकता. एसएससी ने बताया कि 2016 के नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट देना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियमों में संशोधन किया जाना चाहिए था. वहीं वादी पक्ष के वकीलों का दावा है कि नियमों में संशोधन हुआ हो या नहीं, आज यह स्थिति एसएससी की गलती के कारण ही उत्पन्न हुई है. उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि नयी भर्ती शुरू होने पर एसएससी पात्रता मानदंड बदल सकता है.

एसएससी को बड़ी राहत

26,000 नौकरियों के रद्द होने के बाद एसएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 2016 में बेरोजगारों की भर्ती परीक्षा के लिए नये नियम प्रकाशित किये थे. नये नियमों में कहा गया था कि इस बार 60 अंकों की लिखित परीक्षा ली जायेगी, जो पहले 55 अंकों की थी. शैक्षणिक योग्यता के लिए 35 अंकों की जगह अधिकतम 10 अंक रखे गये थे. साक्षात्कार के लिए 10 अंक, शिक्षण अनुभव और ‘व्याख्यान प्रदर्शन’ के लिए अधिकतम 10 अंक रखे गये थे. इतना ही नहीं, एसएससी ने यह भी कहा कि भर्ती के लिए केवल वही आवेदन कर सकते हैं जिनकी आयु एक जनवरी, 2025 तक 40 वर्ष से अधिक न हो. बुधवार को हाइकोर्ट ने आखिरकार एसएससी के फैसले को स्वीकार कर लिया.

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