ओबीसी आरक्षण पर नेता प्रतिपक्ष ने ममता सरकार की मंशा पर उठाये सवाल
कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ द्वारा जारी ओबीसी आरक्षण आदेश को लागू न करने के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की. शुभेंदु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ राज्य सरकार का जांच के दायरे में आना अब आम बात हो गयी है.” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए ओबीसी आरक्षण में एक विशेष समुदाय के लोगों को शामिल कर रही है. अधिकारी ने बताया कि अदालत ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही का हवाला देते हुए फैसले को टालने की मांग की गयी थी. उन्होंने कहा, “ सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले के संबंध में राज्य की दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया है कि राज्य माननीय खंडपीठ के आदेश पर कोई रोक लगाने में विफल रहा है.”
आदेश के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने लिखा कि इसके बाद यदि उम्मीदवार की जाति 2010 से पहले राज्य के पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा पेश की गयी ओबीसी सूची में शामिल है, तो उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा. उन्होंने ममता सरकार पर हमला करते हुए कहा, “भ्रष्ट और छद्म-धर्मनिरपेक्ष राज्य सरकार के लिए बुरे दिन आने वाले हैं.”
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है