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गैंगरेप के तीन आरोपियों की पुलिस कस्टडी की अवधि आठ जुलाई तक बढ़ी

कसबा स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना में गिरफ्तार चारों आरोपियों को मंगलवार को अलीपुर कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया.

आरोपी सुरक्षा गार्ड को चार तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

वकीलों ने अदालत परिसर में किया प्रदर्शन

संवाददाता, कोलकाता

कसबा स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना में गिरफ्तार चारों आरोपियों को मंगलवार को अलीपुर कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया. इनमें मुख्य आरोपी और कॉलेज का अस्थायी कर्मचारी मनोजीत मिश्रा (31), उसके दो सहयोगी कॉलेज के वर्तमान छात्र जैब अहमद (19) और परमित मुखर्जी (20) तथा सुरक्षा गार्ड पिनाकी बंद्योपाध्याय शामिल हैं. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और परमित मुखर्जी को आठ जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि सुरक्षा गार्ड पिनाकी बंद्योपाध्याय को चार जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया. सुबह से ही इस घटना को लेकर कोर्ट परिसर में गहमागहमी का माहौल था.

अलीपुर एसीजेएम कोर्ट के कार्यवाहक जज शुभदीप मित्रा के सामने शाम 5:40 बजे मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान, अदालत परिसर में वकीलों ने आरोपियों के इस जघन्य करतूत के विरोध में काफी देर तक प्रदर्शन किया.

बचाव पक्ष ने क्या कहा: गिरफ्तार मनोजीत मिश्रा और परमित मुखर्जी के वकील राजू गांगुली ने कहा कि वे जमानत के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने मांग की कि पूछताछ के दौरान उनके वकीलों को मौजूद रहने की अनुमति दी जाये. उन्होंने जोर दिया कि आरोपियों को तुरंत दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि अभी मुकदमा शुरू नहीं हुआ है. वकील ने यह भी जानना चाहा कि क्या पीड़िता का मोबाइल फोन जब्त किया गया है. सुरक्षा गार्ड पिनाकी के वकील दिव्येंदु भट्टाचार्य ने तर्क दिया कि पिनाकी एक गरीब व्यक्ति है, जिसका वेतन 12,000 रुपये है और इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की.

सरकारी वकील की दलील : सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने कहा कि जांच के दौरान घटनास्थल पर जाना संभव नहीं है और मेडिकल सबूतों के साथ-साथ आसपास के सबूतों और सीसीटीवी फुटेज की भी गहन जांच होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पीड़िता को इनहेलर दिया गया था, जिससे पता चलता है कि उसे और अधिक प्रताड़ित करने की योजना थी. इससे आरोपियों की खतरनाक प्रवृत्ति उजागर होती है. पुलिस ने सभी आरोपियों को 10 जुलाई तक हिरासत में भेजने की मांग की थी.

शिकायतकर्ता के वकील की मांग: शिकायतकर्ता के वकील अरिंदम जाना और जिष्णु बसु ने कहा कि गार्ड और अन्य गिरफ्तार आरोपियों से आमने-सामने पूछताछ करने की आवश्यकता है, क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में कुछ अन्य लोग भी दिखाई दिये थे.

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