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बीएसएफ जवान की सलामती की आस में पठानकोट जायेगा परिवार

चार दिनों से अपने पति की कोई खबर नहीं मिलने से बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव की पत्नी रजनी साव सहित पूरा परिवार परेशान है. रजनी का कहना है कि न जाने किस हाल में उनके पति हैं. खाना मिल रहा है या नहीं. बात भी नहीं हो पा रही, जिससे दिल को थोड़ा सकुन मिल सके. बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव की पत्नी रजनी का मन व्याकुल है, आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं. अब इंतजार के सब्र का बांध टूट चुका है. पूरा परिवार उम्मीद की एक किरण लेकर रविवार को पठानकोट रवाना हो रहा है.

हुगली.

चार दिनों से अपने पति की कोई खबर नहीं मिलने से बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव की पत्नी रजनी साव सहित पूरा परिवार परेशान है. रजनी का कहना है कि न जाने किस हाल में उनके पति हैं. खाना मिल रहा है या नहीं. बात भी नहीं हो पा रही, जिससे दिल को थोड़ा सकुन मिल सके. बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव की पत्नी रजनी का मन व्याकुल है, आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं. अब इंतजार के सब्र का बांध टूट चुका है. पूरा परिवार उम्मीद की एक किरण लेकर रविवार को पठानकोट रवाना हो रहा है.

रजनी साव कहती हैं : चार दिन हो गये. बस इतना सुना है कि फ्लैग मीटिंग हो रही है. मगर मेरे दिल को तसल्ली नहीं मिल रही. अगर वहां जाकर सामने से कुछ देख पाऊं, कुछ जान पाऊं, तो शायद मन को थोड़ा चैन मिलेगा.

बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने परिवार को समझाया था कि पठानकोट आने की जरूरत नहीं है. बातचीत से समाधान निकलने की कोशिश हो रही है. लेकिन शनिवार को जब फिर संपर्क हुआ, तो कहा गया, अगर आप जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं. बस, फिर क्या था! बिना देर किये परिवार ने तय कर लिया. रजनी साव की हालत भी सामान्य नहीं है. वह गर्भवती हैं. लेकिन इस नाजुक समय में भी गर्भ में पल रहे शिशु से ज्यादा फिक्र उन्हें अपने पति की हो रही है. रजनी का कहना है : बच्चा भी मेरे गर्भ में पल रहा है. पर इस वक्त दिल बस एक ही बात सोचता है. कब लौटेगा मेरा पति, कैसी हालत में है वह. बीएसएफ के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से भी एक ही निवेदन है कि शीघ्र उनके पति की वापसी की व्यवस्था हो.

पूर्णम कुमार साव की मां देवंती देवी की भी आंखें नम हैं. कितने दिन हो गये बेटे की आवाज नहीं सुनी, वह कहती हैं : बस दुआ करती हूं कि मेरा बेटा सही-सलामत घर लौट आये. पूरा परिवार अब आशा और प्रार्थना का सहारा लेकर पठानकोट जाने की तैयारी में जुटा है. अगर वहां भी मदद नहीं मिली, तो दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से सीधी गुहार लगाने का संकल्प लिया है. पूर्णम कुमार साव की सलामती के लिए गांव, परिवार और रिश्तेदारों की दुआएं लगातार चल रही हैं.

फंसे जवान को लेकर कल्याण ने की बीएसएफ के डीजी से बात

पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिये गये राज्य के हुगली जिले के रिसड़ा निवासी बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को चिंता जतायी और इस संबंध में बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी से फोन पर बातचीत की. सांसद ने बताया कि उन्हें जवान की सुरक्षित वापसी का आश्वासन मिला है. कल्याण बनर्जी ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा : मैंने बीएसएफ डीजी से बात की है. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि सभी संबंधित सरकारी एजेंसियां पूर्णम की वापसी के लिए प्रयासरत हैं. फिलहाल जवान पाकिस्तान में सुरक्षित और स्वस्थ हैं. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान रेंजर्स ने लगातार तीसरे दिन भी जवान को भारत को सौंपने से इनकार कर दिया है. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि जवान फिलहाल कहां हैं.

इधर, पूर्णम कुमार साव के रिसड़ा स्थित घर में चिंता और बेचैनी का माहौल है. जवान के पिता भोलानाथ साव ने कहा : वह देश की सेवा कर रहा था, और अब हमें यह भी नहीं पता कि वह कहां है, सुरक्षित है या नहीं. जवान की पत्नी रजनी साव ने भावुक स्वर में कहा : मंगलवार रात को आखिरी बार उनकी आवाज सुनी थी. उसके बाद से कुछ भी पता नहीं चल रहा. उनका सात वर्षीय बेटा बार-बार पूछ रहा है कि पापा कब आएंगे?, लेकिन परिवार के पास कोई जवाब नहीं है. पड़ोसी और स्थानीय लोग भी परिवार के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद देने का भरोसा जता रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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