मॉनसून सत्र. नेताजी सुभाष खेल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक-2025 विस से पास
संवाददाता, कोलकाताविधानसभा ने सोमवार को नेताजी सुभाष खेल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस विधेयक के पारित होने के साथ ही हुगली जिले के चुंचुड़ा में राज्य के पहले निजी खेल और उद्यमिता विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को यह विधेयक सदन में पेश किया था. शुक्रवार और सोमवार को विधेयक पर डेढ़-डेढ़ घंटे की चर्चा के बाद विपक्षी भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति में इसे पारित किया गया. शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह निजी क्षेत्र में खेल और उद्यमिता से संबंधित राज्य का अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा, जिसका संचालन चुंचुड़ा नेताजी वेलफेयर ट्रस्ट करेगा. उन्होंने खेल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय खेल पेशेवरों, तकनीकी विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों का एक प्रतिभा पूल बनाने पर केंद्रित होगा और शारीरिक शिक्षा, खेल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, कोचिंग और खेल कानून में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा व शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करेगा, जिसमें ओलिंपिक स्तर के और पारंपरिक आदिवासी खेल शामिल होंगे. ब्रात्य ने एथलीटों का समर्थन करने के राज्य के निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन खिलाड़ियों को नौकरी देकर और सार्वजनिक रूप से सम्मानित करके बढ़ावा दे रही है, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है. शिक्षा मंत्री ने राजभवन पर कटाक्ष करते हुए राज्य विधानसभा से पहले पारित कई विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी में देरी पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों से संबंधित तीन विधेयक, विधानसभा द्वारा पारित होने के बावजूद, ठंडे बस्ते में पड़े हैं. बसु ने कहा कि अगर इन विधेयकों पर राज्यपाल हस्ताक्षर कर दें, तो राज्य में विश्वविद्यालयों की कुल संख्या 48 हो जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि पता नहीं इस विधेयक का क्या होगा. अगर केंद्र चाहता है कि खेल क्षेत्र और खेल शिक्षा यहां (बंगाल में) बढ़े, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस विधेयक को राजभवन की मंजूरी मिले. बसु ने संतोष ट्रॉफी जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने के साथ-साथ भत्ते और छात्रवृत्ति देने का भी जिक्र किया. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सक्रिय पहल को खेलों में बंगाल के अग्रणी होने का श्रेय दिया. उन्होंने 70-80 के दशक के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बंगाली फुटबॉल खिलाड़ियों को याद करते हुए कहा कि हमें वैश्विक स्तर तक पहुंचना है और ऐसे विश्वविद्यालय सही दिशा में कदम हो सकते हैं. इस विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर हुगली जिले के चुंचुड़ा में होगा, जबकि इसके विभिन्न स्थानों पर अध्ययन केंद्र, ऑफ-शोर कैंपस, ऑफ-कैंपस केंद्र और क्षेत्रीय केंद्र भी होंगे. विधेयक पर चर्चा शुरू होते ही भाजपा विधायकों के हंगामे और वाकआउट पर तंज कसते हुए बसु ने कहा कि उनके पास खेल विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा करने का समय नहीं है. वे विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों से लड़ने और माइक्रोफोन तोड़ने में ज्यादा व्यस्त थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है