कोलकाता.
गैर शिक्षण कर्मचारियों के एक वर्ग, जिनकी नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गयी है, ने गुरुवार को साॅल्टलेक में पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग के मुख्यालय, विकास भवन तक मार्च किया. इनकी मांग है कि उनकी सेवाओं को फिर से बहाल करते हुए उन्हें नौकरी दी जाये. विकास भवन के सामने गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे बर्खास्त ग्रुप सी और ग्रुप डी गैर-शिक्षण कर्मचारियों के एक समूह ने तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए करुणामयी मोड़ से विकास भवन तक अपना मार्च शुरू किया. उन्होंने योग्य और अयोग्य नियुक्तियों के बीच स्पष्ट अंतर करने की भी मांग की. आंदोलनकारियों ने यह भी दावा किया कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पहले घोषित अस्थायी मासिक भत्ता अभी तक नहीं मिला है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. रैली को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विकास भवन के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी. ध्यान रहे, सुप्रीम कोर्ट ने गत तीन अप्रैल को 2016 में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से की गयीं 25,753 शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मियों की नियुक्तियों को व्यापक अनियमितताओं का हवाला देते हुए अमान्य कर दिया था.इनका कहना है कि हमने परीक्षा उत्तीर्ण की है. हमारे पास सभी आवश्यक दस्तावेज भी हैं, फिर भी हमें अयोग्य करार दिया जा रहा है. हमें दंडित क्यों किया जा रहा है, जबकि भ्रष्टाचार में शामिल लोग अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं?
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