कोलकाता.
नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने कलकत्ता हाइकोर्ट को बताया है कि तृणमूल विधायक तापस साहा की मृत्यु के बाद भी वह इस मामले की जांच जारी रखना चाहता है. सीबीआइ के अधिवक्ता ने मंगलवार को कोर्ट में यह जानकारी दी. सीबीआइ ने हाइकोर्ट में बताया कि इस मामले में चार-पांच अन्य लोगों के नाम भी सामने आये हैं, इसलिए जांच को आगे बढ़ाना जरूरी है. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी के आवेदन पर राज्य सरकार को जांच से संबंधित सभी जानकारी सौंपने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने टिप्पणी की, “जानकारी उपलब्ध कराने में क्या समस्या है? आप एक जांच अधिकारी हैं. आप यह कैसे कह सकते हैं कि मैं जांच करूंगा और इसे सीबीआइ को नहीं सौंपूंगा?” गौरतलब रहे कि हाइकोर्ट की एकल पीठ ने पहले ही यह आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में मामला दायर किया था. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने यह आदेश दिया. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि तापस साहा के अलावा कई अन्य लोग भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं और यह एक बड़ी साजिश है. हालांकि, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को आश्वासन दिया है कि वह सीबीआइ को सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है