प्रतिनिधि, हुगली.
गंगा के तटीय जिलों में बने निम्न दबाव के प्रभाव से हो रही लगातार बारिश ने हुगली, हावड़ा और पूर्व तथा पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में तबाही मचा दी है. विशेष रूप से हुगली जिले की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है. गोघाट-2 ब्लॉक के पश्चिमपाड़ा क्षेत्र में सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. वहीं द्वारकेश्वर और शिलावती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की आशंका और गहरा गयी है.
तेज बारिश से नदियों में उफान, बाढ़ का खतरा बढ़ा : बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने के कारण वहां का वर्षाजल तेजी से बहकर हुगली की नदियों में पहुंच रहा है. सिंचाई विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बांकुड़ा में जलस्तर पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुका है और हुगली में भी जल्द ही ऐसा हो सकता है. खानकुल, गोघाट और आरामबाग जैसे इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
प्रशासन की तैयारी और सतर्कता
जिलाधिकारी मुक्ता आर्य हालात पर लगातार नजर बनायी हुई हैं. हुगली जिले में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिये गये हैं और राहत व बचाव कार्य तेज कर दिये गये हैं. सिविल डिफेंस, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतें और पुलिस बल अलर्ट मोड पर हैं. लेकिन हालात तेजी से बिगड़ने के कारण चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं.
पुनः टूटा पुल, ग्रामीणों में आक्रोश
गोघाट के पश्चिमपाड़ा इलाके में रंगवती और ताराजुली नहर के संगम पर बना पुल एक बार फिर टूट गया है. कुछ दिन पहले ही इसका ढांचा आंशिक रूप से गिरा था, जिसके बाद मरम्मत शुरू हुई थी. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण में इस्तेमाल सामग्री बेहद घटिया थी, जिसके कारण पुल दोबारा टूट गया. वे इसे प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा मान रहे हैं.
खेती को भारी नुकसान, गांवों में जलजमाव : लगातार बारिश से कई गांव जलमग्न हो गये हैं. ग्रामीण सड़कों और पुलों के डूब जाने से संपर्क टूट गया है. किसानों के सामने सबसे बड़ी मार आयी है, तिल और धान की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं, सब्जियां सड़ रही हैं. बारिश अगर यूं ही जारी रही, तो फसल के साथ-साथ घरों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है.
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि केवल तात्कालिक राहत के बजाय स्थायी समाधान की दिशा में काम किया जाये. बार-बार पुलों का टूटना, जल निकासी की व्यवस्था का अभाव और बारिश के समय प्रशासनिक तैयारियों की कमी को लेकर नाराजगी साफ दिख रही है.
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