कोलकाता.
कोलकाता में बढ़ती गर्मी ने न केवल आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, बल्कि अलीपुर चिड़ियाघर के पशु-पक्षी भी इस असहनीय गर्मी से बेहाल हैं. कूलर और बर्फ की व्यवस्था भी उन्हें पर्याप्त राहत नहीं दे पा रही है. इसे देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने हिमालयन भालू, कंगारू और पेंग्विन जैसे ठंडे देशों के जानवरों को फिलहाल चिड़ियाघर में नहीं रखने का फैसला किया है. गर्मी से राहत दिलाने के लिए अब इन जानवरों को उत्तर बंगाल के ठंडे इलाकों में भेजने की तैयारी चल रही है. इसी क्रम में अल्पाका को पहले ही दार्जिलिंग चिड़ियाघर भेज दिया गया है. जल्द ही हिमालयन भालू को भी उत्तर बंगाल भेजा जायेगा. अलीपुर चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि अल्पाका को गर्मी में काफी परेशानी हो रही थी. धूप में उसके शरीर के बाल झड़ने लगे थे, इसलिए उसे दार्जिलिंग भेजा गया है.चिड़ियाघर के निदेशक अरुण मुखोपाध्याय ने कहा कि कोलकाता की गर्मी अब पहले जैसी नहीं रही. अल्पाका दक्षिण अमेरिका का एक शाकाहारी पशु है, जो पहाड़ी इलाकों में रहना पसंद करता है. अल्पाका के बालों से महंगा ऊन बनाया जाता है और तस्करों की भी इन पर नजर रहती है. पिछले साल अक्टूबर में नदिया के बानपुर सीमा पर तस्करी के दौरान बरामद किये जाने के बाद वन विभाग ने इसे चिड़ियाघर को सौंपा था और तब से अलीपुर चिड़ियाघर ही उसका स्थायी ठिकाना बन गया था.
मुखोपाध्याय ने आगे बताया कि ठंडे देशों में रहने वाले जानवरों को गर्मी में काफी दिक्कत हो रही है. हिमालयन भालू भी ऐसी ही परेशानी झेल रहा है. उनके बाड़े को ठंडा रखने के लिए कूलर और बर्फ की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही नहाने का पानी भी उपलब्ध कराया गया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पूरी तरह से गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है.चिड़ियाघर प्रशासन का फैसला, ठंडे देशों के जानवरों को नहीं लाया जायेगा, बंगाल सफारी भेजे जायेंगे दो हिमालयन भालू
चिड़ियाघर प्रशासन ने यह भी फैसला किया है कि अब नये सिरे से ठंडे देशों के जानवरों को अलीपुर चिड़ियाघर में नहीं लाया जायेगा. फिलहाल, चिड़ियाघर में चार हिमालयन भालू (दो नर और दो मादा) हैं, जिनमें से दो को बंगाल सफारी में भेजने की योजना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है