कोलकाता.
2026 के चुनाव के बाद, अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो चापलूस पुलिस अधिकारी और नागरिक स्वयंसेवकों को मॉब लिंचिंग से बचाना राज्यपाल की जिम्मेदारी होगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि नयी सरकार बनने के बाद काम शुरू होने में कुछ दिन लगते हैं. राज्यपाल को उन पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी, जो अब सबूत मिटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में एक साफ-सुथरी मतदाता सूची के साथ शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग के लिए एक चुनौती है. राज्यपाल, जो राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में यहां होंगे, को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव परिणाम आने के बाद पहचाने गये तृणमूल के हमलावरों, सबूत मिटाने वाले पहचाने गये पुलिस अधिकारियों और नागरिक स्वयंसेवकों को मॉब लिंचिंग से बचाने की जिम्मेदारी राज्यपाल की होगी. उन्होंने कहा : जब नयी सरकार का गठन होता है, तो उसे पूरा करने में थोड़ा समय लगेगा. इसमें 15-20 दिन लगेंगे. राज्यपाल यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि उस दौरान वे प्रभावित न हों.हिमंत के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक कथित बयान को लेकर पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में ‘भाजपा बंगाल के खिलाफ है’ की तर्ज पर एक अभियान शुरू होने जा रहा है. तृणमूल नेता कुणाल घोष ने भी आरोप लगाया है कि भाजपा बंगालियों के खिलाफ है. इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया है कि हिमंत बिस्वा सरमा के शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. शमिक भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि बंगाल में जो लोग बंगाली नहीं बोलते, जो लंबे समय से यहां रह रहे हैं और संस्कृति से जुड़े हैं, वे भी बंगाली हैं. इसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल नफरत की राजनीति कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है