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मॉक ड्रिल को लेकर राज्य सरकार तत्पर

बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में 31 स्थानों पर मॉक ड्रिल होगा. देश के अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी निर्देश जारी कर दिये गये हैं.

मुख्यमंत्री की निगरानी में होगी मॉक ड्रिल

कोलकाता. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुधवार को ‘मॉक ड्रिल’ करने का निर्देश जारी किये जाने के बाद विभिन्न राज्यों ने बुधवार को अभ्यास करने की घोषणा की है. केंद्र सरकार के निर्देश पर बुधवार को देश के 244 जिलों में युद्ध के लिए मॉक ड्रिल होना है, जिसमें में पश्चिम बंगाल भी शामिल है. बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में 31 स्थानों पर मॉक ड्रिल होगा. देश के अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी निर्देश जारी कर दिये गये हैं.

मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर मंगलवार को राज्य सचिवालय नबान्न भवन में उच्च स्तरीय बैठक हुई है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की देखरेख में बुधवार से राज्य में मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू की जायेगी. इस अभ्यास के लिए राज्य के कुल 17 जिलों को अत्यधिक संवेदनशील के रूप में चिन्हित किया गया है. इस अभ्यास में कोलकाता सहित बंगाल के 13 जिले श्रेणी 2 और अभ्यास में बर्दवान, बीरभूम, हावड़ा, हुगली को श्रेणी तीन में शामिल किया गया है. बताया गया है कि राज्य में कुल 95 सायरन हैं. राज्य में लगे सायरनों की स्थिति कैसी है, मंगलवार को इसकी जांच की गयी. साथ ही कहा गया है कि इन 95 सायरन में जितने खराब हैं, उनकी जगह नये सायरन लगाने के आदेश जारी किये गये हैं. इसके अलावा, राज्य में 65 सैटेलाइट फोन हैं.

सूत्रों के अनुसार, आपदा प्रबंधन विभाग ने विभाग के कर्मचारियों को तैयार रहने को कहा है. आपदा प्रबंधन विभाग इस अभ्यास में 59,000 प्रशिक्षित सिविल डिफेंस और 1,500 स्थायी कर्मचारियों का उपयोग करेगा. इतना ही नहीं, आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है. बुधवार के अभ्यास से पहले बांसद्रोणी और कल्याणी स्थित आपदा प्रतिक्रिया केंद्र पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये. गौरतलब है कि मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलायी गयी बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और एनडीआरएफई के महानिदेशक मौजूद थे. राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, आपदा प्रबंधन सचिव राजेश सिन्हा और नागरिक सुरक्षा महानिदेशक जगमोहन शामिल थे.

सरकार को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश

सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्र ने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि चूंकि बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो राज्य पर कभी भी बड़ा संकट आ सकता है. इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य को इस स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहने का निर्देश दिया है. सूत्रों के अनुसार, मंगलवार की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया कि यदि किसी भी तरह से युद्ध की स्थिति बनती है तो समग्र बचाव अभियान और स्थिति पर नियंत्रण की आवश्यकता होगी. इस कारण राज्य को अगले सात दिनों के भीतर खुद को तैयार करना होगा.

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