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केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य में सभी स्तरों के अधिकारियों की मांगी सूची

केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य में प्रशासन के सभी स्तरों के अधिकारियों की सूची मांगी है. सूत्रों के अनुसार, संविदा व अनुकंपा के आधार पर नियोजित लोगों को इस सूची में शामिल नहीं किया जायेगा. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए उठाया गया है. आयोग यह जानना चाहता है कि कौन-सा अधिकारी किस पद पर और कितने समय तक रहा है. मतदान व्यवस्था को इसी प्रकार अंतिम रूप दिया जायेगा.

कोलकाता.

केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य में प्रशासन के सभी स्तरों के अधिकारियों की सूची मांगी है. सूत्रों के अनुसार, संविदा व अनुकंपा के आधार पर नियोजित लोगों को इस सूची में शामिल नहीं किया जायेगा. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए उठाया गया है. आयोग यह जानना चाहता है कि कौन-सा अधिकारी किस पद पर और कितने समय तक रहा है. मतदान व्यवस्था को इसी प्रकार अंतिम रूप दिया जायेगा.

मतदाता सूची और निर्वाचन कार्य में जवाबदेही के बाबत पहले से ऐसी जांच करना जरूरी भी है. आयोग को भेजी जाने वाली सूची में आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के अलावा चार स्तरों- ग्रुप ए, बी, सी और डी के अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी शामिल होनी चाहिए. किसकी वरिष्ठता किस स्तर पर है, इसकी भी रिपोर्ट देनी होगी. यहां तक कि जिला निर्वाचन अधिकारी (डीइओ), इआरओ (आमतौर पर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट, डिप्टी मजिस्ट्रेट स्तर के) और एइआरओ (आमतौर पर बीडीओ, संयुक्त बीडीओ) को भी उपलब्ध जन संसाधनों के बारे में सूचित करना होगा और यदि कहीं जन संसाधन की कमी है, तो रिक्तियों की संख्या के बारे में चुनाव आयोग को बताना होगा. आयोग के अधिकारियों के एक वर्ग ने कहा कि जिस तरह आयोग इस मामले में संविदा कर्मचारियों की उपस्थिति को स्वीकार नहीं करेगा, उसी तरह अगर कोई ”अनुकंपा के आधार”(कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उनके करीबी रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी देना) पर काम कर रहा है, तो उसे सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.

एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस, आइपीएस, डब्ल्यूबीपीएस या थाना स्तर पर कहां कितना जन संसाधन है, इसकी जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कुल मिला कर आयोग शायद यह समझने की कोशिश कर रहा है कि कौन तीन साल तक किस पद पर काम कर चुका है. नियमानुसार, जो लोग एक पद पर तीन साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव से पहले अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा. इसी तरह जिनका एक पद पर कार्यकाल चुनाव के समय तीन साल हो जायेगा, उन्हें भी स्थानांतरित करना होगा. आयोग पूरी सूची हाथ में लेकर अंतिम तैयारी शुरू करेगा.

मतदाता सूची में संशोधन के लिए एक विशेष अभियान नवंबर में शुरू होगा. इसके आधार पर संशोधित व अंतिम मतदाता सूची जनवरी के प्रारंभ में प्रकाशित की जायेगी.

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