कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में मॉनसून दस्तक दे चुका है और फिलहाल यह उत्तर बंगाल में सक्रिय है. इस बीच, कोलकाता नगर निगम के इलेक्ट्रिसिटी व लाइटिंग विभाग ने महानगर में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. मॉनसून के आगमन से पहले ही शहर की सभी 77 हजार त्रिफला (ट्राइडेंट) लाइटों को बंद कर दिया गया है. निगम के इलेक्ट्रिसिटी व लाइटिंग विभाग के मेयर परिषद के सदस्य संदीप रंजन बख्शी ने बताया कि हर साल बारिश से पहले ट्राइडेंट लाइटें बंद कर दी जाती हैं, क्योंकि इन विद्युत खंभों से बिजली लीकेज का खतरा रहता है, जिससे किसी की जान भी जा सकती है. इस वर्ष विभाग ने एक और बड़ी पहल की है.शहर के जल जमाव वाले इलाकों में बिजली के खंभों को पीवीसी कवर से ढका जा रहा है. बख्शी ने बताया कि कोलकाता में लगभग तीन लाख लाइट पोस्ट (बिजली के खंभे) हैं, और सभी को कवर करना मुश्किल है.
हालांकि, ऐसे स्थान जहां हर साल बारिश के दिनों में जल जमाव की समस्या देखी जाती है या बिजली का झटका लगने की संभावना रहती है, उन क्षेत्रों में बिजली के खंभों पर पीवीसी कवर लगाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि विद्युत खंभों पर तीन फीट तक पीवीसी कवर लगाये जा रहे हैं, ताकि पानी में डूबने पर भी किसी को बिजली के झटके न लगें.हर लैंप पोस्ट को ढकने में छह सौ से आठ सौ रुपये का खर्च
मेयर परिषद के सदस्य संदीप रंजन बख्शी ने यह भी बताया कि प्रत्येक लैंप पोस्ट को पीवीसी रबर से ढंकने में 600-800 रुपये का खर्च आयेगा, जिससे इस काम की कुल लागत 18 करोड़ रुपये होगी. जल जमाव वाले इलाकों में स्थित बिजली के खंभों पर इस महीने के अंत तक पीवीसी कवर लगा दिये जायेंगे. इस काम में कुछ समय लगेगा और फंड की उपलब्धता के अनुसार आगे का कार्य किया जायेगा. गौरतलब है कि राजभवन के सामने स्थित बिजली के खंभों पर इस तरह के पीवीसी कवर पहले ही लगाये जा चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है