कोलकाता. अवसंरचना परामर्श कंपनी ‘राइट्स’ ने टॉलीगंज से शहीद खुदीराम खंड तक के एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों की संरचनात्मक स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में विशेष रूप से आदि गंगा नहर पर बने खंभों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
उन्होंने कहा कि इन खंभों को संरचनात्मक रूप से सुरक्षित और बेहतर हालत में पाया गया है. हालांकि, यदि सार्वजनिक सुरक्षा के लिहाज से किसी तरह के बदलाव या समायोजन की जरूरत है, तो रेलवे बोर्ड इसका निर्णय लेगा. अधिकारी ने आगे कहा कि शहीद खुदीराम-दक्षिणेश्वर खंड के सभी मेट्रो स्टेशनों की स्थिति अच्छी है, लेकिन मेट्रो रेलवे नियमित रूप से राइट्स के माध्यम से अपने स्टेशनों की संरचनात्मक स्थिति को लेकर सर्वेक्षण कराता रहता है.कवि सुभाष स्टेशन : नींव धंसने से पीलर में दरारें आयीं
ब्लू लाइन के टर्मिनल कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन को बुनियादी ढांचे में दरार मिलने पर 28 जुलाई को बंद कर दिया गया था. इसके बाद यह घोषणा की गयी कि शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित 15 साल पुराने न्यू गड़िया मेट्रो स्टेशन के अप प्लेटफॉर्म को तोड़कर दोबारा बनाया जायेगा. इस बीच, मेट्रो ने उन दावों को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि भारी बारिश के बाद नींव धंसने के कारण ब्लू लाइन के कवि सुभाष स्टेशन में दरारें आयीं. मेट्रो प्रशासन का कहना है कि यह संरचना ””डीप-पाइल फाउंडेशन”” पर निर्मित है. मेट्रो प्रशासन ने कहा कि सभी डिजाइन से जुड़े निर्णय विस्तृत भू-तकनीकी जांच के आधार पर लिए जाते हैं और संरचनात्मक मजबूती तथा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थापित इंजीनियरिंग मानकों का पालन किया जाता है. एक प्रवक्ता ने बताया कि कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन की नींव 22 मीटर गहराई तक ””डीप-पाइल फाउंडेशन”” समूहों से बनायी गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि पूरे मरम्मत और पुनर्संरचना कार्य को नौ महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. फिलहाल 32 किलोमीटर लंबी ब्लू लाइन पर ब्रिजी के शहीद खुदीराम से दक्षिणेश्वर स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवा चालू है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है