हंगामा. पुलिस ने हावड़ा में बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका
पुलिस ने माइकिंग के जरिये कानून हाथ में नहीं लेने का किया आग्रह
संवाददाता, हावड़ा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के सोमवार को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ अभियान के दौरान उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गयी, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हावड़ा मैदान के बंगवासी मोड़ के पास आगे जाने से रोक दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. हालात बिगड़ता देख पुलिस ने माइकिंग के जरिये प्रदर्शनकारियों से कानून हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया. करीब 40 मिनट तक हालात बेकाबू बने रहे. वहीं, इस अभियान को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे. प्रदर्शनकारी किसी भी हाल में सचिवालय तक नहीं पहुंच सकें, इसके लिए बंगवासी मोड़, बंकिम सेतु के नीचे, मल्लिकफाटक, डीएम कार्यालय और फोरशोर रोड पर लोहे के 10 से 12 फीट ऊंचाई वाले बैरिकेड लगाये गये थे. करीब 2000 पुलिसकर्मियों के अलावा रैफ और कॉम्बैट फोर्स को इस अभियान के लिए तैनात रखा गया था. वॉटर कैनन मशीन को भी तैयार रखा गया था. सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए ड्रोन से भी निगरानी की गयी. नौकरी खोने वाले शिक्षक फिर अपने पद पर बहाली की मांग कर रहे हैं. नौकरी गंवाने वाले ‘योग्य’ शिक्षकों का कहना है कि वे फिर से परीक्षा देना नहीं चाहते. क्या है मामला: सुप्रीम कोर्ट ने तीन अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट के 2024 के फैसले को बरकरार रखते हुए वर्ष 2016 में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण करार दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद इन सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की नौकरी चली गयी. इसके बाद से ही नौकरी में बहाली की मांग को लेकर इन शिक्षकों का प्रदर्शन जारी है. अप्रैल महीने में कसबा स्थित डीआइ कार्यालय के सामने इन शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था. इस दौरान कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भी बरसायी थीं. इसी क्रम में सोमवार को नबान्न अभियान के तहत सात सूत्री मांगों को लेकर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी हावड़ा पहुंचे थे. शिक्षक अधिकार मंच के बैनर तले ये प्रदर्शनकारी बंकिम ब्रिज होते हुए हावड़ा मैदान पहुंचे. प्रदर्शनकारी शिक्षक परीक्षा की ओएमआर शीट प्रकाशित करने, दागी और बेदाग उम्मीदवारों की पूरी सूची प्रकाशित करने तथा बिना शर्त नौकरी पर उनकी बहाली की मांग कर रहे थे. प्रदर्शन में शामिल चिन्मय मंडल ने कहा कि हमलोग अब परीक्षा नहीं देंगे.हमारे साथ अन्याय हुआ है. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हमें नौकरी पर बहाल करे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री दागी उम्मीदवारों को बचाने की कोशिश में हमलोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. इसलिए वह हमसे मिलने से कतरा रही हैं और हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही हैं. नौकरी छीन लेना किसी को फांसी देने के बराबर है. गौरतलब है कि अभी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया चल रही है. अभियान के दौरान ट्रैफिक सेवा रही प्रभावित: नबान्न अभियान के दौरान ट्रैफिक सेवा बुरी तरह प्रभावित रही. जीटी रोड (दक्षिण) और फोरशोर रोड पर बैरीकेड होने के कारण बस सेवा पूरी तरह से बंद थी. दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस अभियान के कारण हैरान हुए लोगों ने कहा कि सचिवालय हावड़ा में स्थानांतरित होने से क्या लाभ हुआ है, यह नहीं मालूम, लेकिन नबान्न अभियान में उनलोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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