यात्रियों से वसूला जा रहा मनमाना किराया हावड़ा. हावड़ा स्टेशन के बाहर अब टिकट दलालों की जगह टैक्सी दलालों ने कब्जा जमा लिया है. जहां पहले टिकट काउंटर के आसपास लंबी दूरी की ट्रेनों के आरक्षण टिकटों की कालाबाजारी आम बात थी, वहीं अब पुलिस की सख्ती से यह समस्या तो कुछ हद तक कम हुई है. लेकिन टैक्सी दलालों की मनमानी ने यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. गर्मियों की छुट्टियां समाप्ति की ओर हैं और ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है. यदि किसी की ट्रेन लेट हो जाये और वह देर रात स्टेशन पहुंचे, तो परेशानी तय है. रात के समय टैक्सियों की संख्या अचानक कम हो जाती है. ऐसे में दलाल सक्रिय हो जाते हैं. यदि कोई यात्री टैक्सी की तलाश में होता है और उसे सीधे टैक्सी नहीं मिलती, तो दलाल के जरिये आसानी से टैक्सी मिल जाती है. लेकिन, इसके बदले उसे दोगुना किराया चुकाना पड़ता है. कई बार इस तरह की परेशानी झेल चुके यात्री राम शरण गुप्त ने कहा कि रात में हावड़ा स्टेशन के बाहर बने सरकारी और निजी टैक्सी स्टैंड के आसपास दलालों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूलना, अब आम बात हो गयी है. कई बार बात इतनी बढ़ जाती है कि यात्रिwयों और दलालों के बीच हाथापाई की नौबत आ जाती है. विशेषकर अन्य राज्यों से आये यात्री और पर्यटक इस धोखाधड़ी का शिकार बनते हैं. पहले हावड़ा स्टेशन के ओल्ड और न्यू कॉम्प्लेक्स के लिए अलग-अलग टैक्सी बुकिंग सेंटर थे, जहां यात्री कतार में लगकर टैक्सी बुक करते थे. बाद में राू सरकार ने ‘यात्री साथी’ नामक मोबाइल एप शुरू किया, जिससे ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग की सुविधा दी गयी. लेकिन जैसे ही रात होती है, एप पर उपलब्ध टैक्सियों की संख्या घटने लगती है और इस कमी का फायदा टैक्सी दलाल उठाते हैं. एक अन्य यात्री सुनील सिंह की शिकायत है कि एप से गाड़ी नहीं मिलने पर उन्हें मजबूरी में दलालों के चंगुल में फंसना पड़ता है. कई यात्री इस मनमानी के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी शिकायतें दर्ज कर चुके हैं, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल पाया है.
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