कोलकाता. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद महानगर के कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का नाम अरुण दे है, जो घटना के बाद से ही फरार था. जांच एजेंसी ने आरोपी की गिरफ्तारी में मदद करने व उसकी सूचना देने पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.सीबीआइ ने आरोपी को उत्तर 24 परगना से गिरफ्तार किया है. वह नारकेलडांगा के गिरीश विद्या रतन लेन का निवासी है. भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद से वह फरार था. उसने लगातार चार साल तक अपनी पहचान छुपाए रखी. दे का नाम सीबीआइ की वांछित सूची में सबसे ऊपर था. गौरतलब है कि राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के दिन यानी दो मई, 2021 को कांकुड़गाछी इलाके में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार (30) की हत्या कर दी गयी थी. भाजपा नेताओं की ओर से सरकार की हत्या का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया गया. हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने इसे आधारहीन करार दिया. शुरू में मामले की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआइ ने अपने हाथ में ली. 17 नवंबर, 2021 को सियालदह एसीजेएम कोर्ट ने सरकार की हत्या के मामले में पांच आरोपियों को फरार घोषित किया था, जिसमें दे का भी नाम था. उसके बाद सीबीआइ ने फरार पांचों लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. साथ ही, इन चारों को पकड़ने के लिए इनाम की भी घोषणा कर दी गयी. दे की गिरफ्तारी के बाद अभी भी मामले में चार आरोपी फरार हैं. उनके नाम सुखदेव पोद्दार उर्फ सुखा, गोपाल दास उर्फ विशाल पाल, विश्वजीत दास उर्फ बोम्पा और अमित हैं. इन चारों फरार आरोपियों के घर भी नारकेलडांगा थाना क्षेत्र में हैं.
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