कोलकाता. पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को दावा किया कि 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे के निकट दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के इंजन में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण चरण में ऊर्जा बाधित हुई होगी और उसे ठीक करने का कोई समय नहीं मिला होगा. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे ईंधन में मिलावट तथा सॉफ्टवेयर और नियंत्रण प्रणालियों में गड़बड़ी. श्री राहा ने कुछ लोगों द्वारा जतायी गयी तोड़फोड़ की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि हमें अटकलों से बचना चाहिए और नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाना चाहिए. अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एअर इंडिया की उड़ान एआई171 गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर की इमारतों से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गयी तथा जमीन पर भी कई अन्य लोग मारे गये. पूर्व वायुसेना प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका पर आइसीसी के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा है कि यह बहुत दुखद और हृदय विदारक है. इतने सारे लोग एक साथ मारे गये. अभी यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्या गलत हुआ है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ऊर्जा में कमी आयी और एक महत्वपूर्ण चरण में, आप जमीन से हवा में उड़ रहे हैं, आपकी ऊंचाई कम है. संभलने का कोई समय नहीं था और इंजन की शक्ति में कमी के परिणामस्वरूप विमान रुक जायेगा और बहुत तेजी से नीचे गिरेगा और दुर्घटनाग्रस्त हो जायेगा और यही हुआ था. वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के इंजन ‘धकेलते’ हैं और एक साथ दोनों इंजनों की ऊर्जा बाधित होना बहुत दुर्लभ है. शायद एक अरब मामलों में एक. श्री राहा ने कहा कि यह कहना कठिन है कि कहां गलती हुई. उन्होंने अन्य संभावनाओं के बारे में भी बात की. राहा ने कहा कि सॉफ्टवेयर में कोई समस्या हो सकती है, नियंत्रण (प्रणाली) में कुछ समस्या हो सकती है, ईंधन में संदूषण हो सकता है. लेकिन तोड़फोड़ की बात पर विश्वास नहीं करता. ऊर्जा आपूर्ति बंद हो जाना किसी गड़बड़ी का संकेत है. उन्होंने कहा कि जब तक डीजीसीए और सरकार की अन्य एजेंसियां जांच पूरी नहीं कर लेतीं, हमें कोई बेबुनियाद दावा नहीं करना चाहिए. श्री राहा ने जमीन पर काम करने वाले कर्मियों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें विमान द्वारा उठाये गये वजन का प्रमाण पत्र देना होता है. राहा ने कहा कि जमीन पर मौजूद इन सूचनाओं के आधार पर पायलट उड़ान भरता है. आप निर्धारित आंकड़ों में कई किलोग्राम नहीं जोड़ सकते, लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि जांच से कारण और कारक सामने आयेंगे. वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण पक्षी का टकराना हो सकता है. राहा ने कहा कि उनकी अपनी ही कंपनी के व्हिसलब्लोअर द्वारा शिकायतें की गयी थीं, मुझे लगता है कि उनकी जांच होनी चाहिए. इससे पहले आइसीसी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विमान इंजन का निर्माण देश में ही करने की वकालत की.
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