कोलकाता.
ममेरे भाई ने प्रेम में बाधा पहुंचायी थी. बाद में युवती का विवाह किसी दूसरे युवक से हो गया. युवती का प्रेमी इससे काफी खफा था. बदला लेने के लिए दिन-दहाड़े धारदार हथियार से हमला कर भाई की हत्या की थी. 18 बार धारदार हथियार से वार किया था. जलपाईगुड़ी जिला अदालत ने शनिवार को घटना को विरलतम करार देते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनायी. जलपाईगुड़ी के भक्तिनगर थाना के शांतिनगर इलाके का वाशिंदा शंकर दास व सुरेश राय थे. दोनों रिश्ते में ममेरे भाई थे. सुरेश अपने भाई शंकर दास के पड़ोसी युवती को काफी परेशान करता था. जब शंकर को इसकी जानकारी मिली, तो उसने सुरेश को समझाने की कोशिश की. लेकिन सुरेश पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. वह युवती से एकतरफा प्यार करता था. जब युवती की शादी कहीं और हो गयी, तो इससे सुरेश भड़क गया. 2021 में मार्च महीने में दोनों भाइयों में इसे लेकर विवाद हुआ. इस दौरान सुरेश ने शंकर पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी. उसने नृशंस तरीके से हत्या की थी. चार साल तक मामला अदालत में चला. शनिवार को सजा की घोषणा की गयी. इस दौरान अदालत में मौजूद मृतक के रिश्तेदारों ने सजा पर संतोष जताया. सरकारी वकील शुभंकर चंद्र ने कहा कि मामले में कुल 12 लोगों ने गवाही दी थी.दोनों पक्षों को सुनने के बाद अतिरिक्त थर्ड कोर्ट के न्यायाधीश विप्लव राय ने हत्या को विरलतम करार देते हुए दोषी सुरेश राय को फांसी की सुनायी. डिफेंस के वकील भानु सिंह सरकार ने कहा कि अदालत ने जो फैसला सुनाया है, उसे कलकत्ता हाइकोर्ट में चुनौती दी जायेगी. मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बयान दिया है, उसमें असंगति है.
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