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टीपी ग्लोबल एफएक्स फॉरेक्स मामले में इडी की कार्रवाई, 30 करोड़ की संपत्ति कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के कोलकाता जोन ने टीएम ट्रेडर्स और केके ट्रेडर्स (टीपी ग्लोबल एफएक्स) से संबंधित मामले में रामेश्वरम के सेवन हिल्स पंबन आइलैंड रिसॉर्ट में 60 कमरों वाले होटल की खाली जमीन (30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया है.

कोलकाता.

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के कोलकाता जोन ने टीएम ट्रेडर्स और केके ट्रेडर्स (टीपी ग्लोबल एफएक्स) से संबंधित मामले में रामेश्वरम के सेवन हिल्स पंबन आइलैंड रिसॉर्ट में 60 कमरों वाले होटल की खाली जमीन (30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया है.

जांच एजेंसी की ओर से बताया गया कि इडी ने दोनों फर्मों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं के तहत कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के अनुसार, टीपी ग्लोबल एफएक्स वेबसाइट न तो आरबीआइ के साथ पंजीकृत है. साथ ही इसके पास विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए ही आरबीआइ का कोई प्राधिकरण नहीं है. आरबीआइ ने सात सितंबर, 2022 को टीपी ग्लोबल एफएक्स के नाम सहित एक अलर्ट सूची भी जारी की, जिसमें जनता को अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ आगाह किया गया. जांच से पता चला कि प्रसेनजीत दास, तुषार पटेल और शैलेश कुमार पांडेय नामक व्यक्तियों ने कई फर्जी कंपनियों का उपयोग करके निवेशकों को टीपी ग्लोबल एफएक्स के माध्यम से विदेशी मुद्रा व्यापार निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करके एक धोखाधड़ी योजना में फंसाने के लिए एक परिष्कृत धोखाधड़ी की थी. इसके अलावा एफएक्स ग्लोबल के निदेशकों और प्रमोटरों, अर्थात् विराज सुहास पाटिल और जोसेफ मार्टिनेज ने सक्रिय रूप से टीपी ग्लोबल एफएक्स को अपने पसंदीदा ब्रोकर के रूप में बढ़ावा दिया. एफएक्स ग्लोबल के सदस्य और उपयोगकर्ता अपनी विदेशी मुद्रा व्यापार गतिविधियों के लिए टीपी ग्लोबल एफएक्स ब्रोकरेज सेवाओं को नियोजित करते हैं.

इडी की जांच में आगे पता चला कि निवेशकों से एकत्र किये गये धन को तुषार पटेल और उनके सहयोगियों के नाम पर व्यक्तिगत संपत्ति खरीदने के लिए डायवर्ट किया गया था. इसे जटिल तरीकों से पूरा किया गया था, जिसमें नकली खातों के माध्यम से धन को स्थानांतरित करना और पूर्ण विकसित मनी चेंजर्स (एफएफएमसी) की सेवाओं को शामिल करना शामिल था. इससे पहले, इडी ने शैलेश कुमार पांडेय, प्रसेनजीत दास और विराज सुहास पाटिल को गिरफ्तार किया था और करीब 270 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.

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