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रिव्यू बोर्ड से रिहाई के निर्देश के बाद भी जेल में बंद है कैदी, पहुंचा हाइकोर्ट

न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य ने न्याय विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला ग्रहण कर लिया.

कोलकाता. स्टेट सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के निर्देश के बाद भी कैदी को रिहा नहीं किया गया. इस आरोप को लेकर एक कैदी ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की. न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य ने न्याय विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला ग्रहण कर लिया. हुगली संशोधनागार में एक कैदी 20 साल से बंद है. रिव्यू बोर्ड ने उसे रिहा करने का निर्देश दिया. उक्त कैदी ने आरोप लगाया कि इसके बाद भी न्याय विभाग ने निर्देश पर अमल नहीं किया. कैदी ने अदालत में अवमानना का मामला दर्ज कराया, जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता संपूर्णा घोष ने कहा कि इस तरह से बहुत सारे कैदी हैं, जिनकी रिव्यू रिपोर्ट अच्छी है. अदालत ने विभाग को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है. एक साल गुजर जाने के बाद भी कैदी को रिहाई नहीं मिली है, इसलिए मामला दर्ज कराया गया है. 27 जून को मामले की अगली सुनवाई होगी.

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