लेनी होगी एयरपोर्ट अथॉरिटी की अनुमति, उड़ान मार्ग में बाधा बनने वाली ऊंची इमारतों पर होगी कार्रवाई
संवाददाता, कोलकाताअब यहां के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के 20 किलोमीटर के दायरे में किसी भी बहुमंजिली इमारत के निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी. कोलकाता एयरपोर्ट अथॉरिटी आने वाले दिनों में इस तरह की सख्त कार्रवाई करने जा रही है. साथ ही एयरपोर्ट से विमान के उड़ान के मार्ग में अगर कोई ऊंची इमारत, बाधा बनती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जायेगी. हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है. हालांकि, कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारियों ने एयरपोर्ट से सटे नगरपालिकाओं के जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर चर्चा की है और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यह विचार निकाय के जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है. अहमदाबाद विमान हादसे के बाद कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारी और भी सतर्क हो गये हैं. वे एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण पर प्रतिबंध को और कड़ा करने पर विचार कर रहे हैं. एयरपोर्ट के पास की कई नगरपालिकाओं को मौखिक रूप से सूचित किया गया है कि वे एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में किसी भी बड़ी बहुमंजिली इमारत के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों से हरी झंडी अनिवार्य करने पर विचार कर रहे हैं. बिना एयरपोर्ट अधिकारियों की अनुमति के बहुमंजिली इमारतों के निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी. सूत्रों के अनुसार, दमदम, मध्यमग्राम, न्यू बैरकपुर, विधाननगर और उत्तर दमदम नगरपालिकाएं एयरपोर्ट के आस-पास के क्षेत्र अंतर्गत आते हैं. जानकारी के मुताबिक, पहले से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, एयरपोर्ट का ””फनल एरिया”” एक निर्दिष्ट हवाई क्षेत्र होता है, जो हवाई अड्डे के रनवे के दोनों छोर पर होता है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसके माध्यम से विमान सुरक्षित रूप से टेकऑफ और लैंडिंग करते हैं. कोलकाता एयरपोर्ट के फनल एरिया में मध्यमग्राम नगर पालिका के वार्ड 26, 27 और 28 क्षेत्र आते है, जहां दो मंजिल से ज्यादा ऊंची इमारतों की अनुमति नहीं है. इसके अलावा, न्यू बैरकपुर में फतेशा खाल के किनारे बहुमंजिला इमारतें बनाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है