कोलकाता. 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस के वार्षिक कार्यक्रम पर माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने इस रैली को वार्षिक वनभोज (पिकनिक) करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस छिड़ गयी है. सलीम ने 21 जुलाई की तृणमूल की शहीद दिवस रैली की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “ कोलकाता पुलिस की मेहरबानी से यह रैली अब एक वार्षिक वनभोज बन गयी है.” उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस के सौजन्य से तृणमूल के गोरखधंधे चल रहे हैं और तृणमूल खुद साल भर बलात्कार, हत्या और बम विस्फोट जैसी घटनाओं को अंजाम देती है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया और व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि इस रैली में शहीदों के नाम नहीं हैं, बस एक डीजे है. मोहम्मद सलीम ने भाजपा पर चुनाव आयोग के माध्यम से मताधिकार में दखल देने का आरोप लगाया. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फर्जी मतदाताओं को लेकर माकपा पर उंगली उठाने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकतंत्र के असली दुश्मन मोदी और ममता हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री 26,000 बेरोजगार लोगों के कंधों पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रचार करेंगी. सलीम ने बांग्ला भाषा और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाये. मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बांग्ला भाषा के लिए आंदोलन करते हुए आप बंगाली व्याकरण को नष्ट कर रही हैं. सिर्फ मंच पर खड़े होकर चिल्लाने से आंदोलन नहीं होता. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि शिक्षकों की नियुक्ति के बिना शैक्षणिक माहौल कैसे बहाल होगा. अभिषेक बनर्जी पर भी साधा निशाना मोहम्मद सलीम ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अभिषेक ने संसद में कभी बांग्ला में बात नहीं की. सलीम ने यह भी कहा कि वह इस बात पर नजर रखेंगे कि बंगालियों पर हमलों के विरोध में तृणमूल सांसद लोकसभा के आगामी सत्र में क्या कदम उठाते हैं.
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