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आयोग ने दिया आश्वासन- जो मतदाता हैं, वे मतदाता बने रहेंगे

तृणमूल कांग्रेस नेताओं के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और सुझाव दिया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाना चाहिए.

तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से की मुलाकात

संवाददाता, कोलकाता/नयी दिल्लीतृणमूल कांग्रेस नेताओं के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और सुझाव दिया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाना चाहिए. अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची की समीक्षा हो सकती है.

चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल कल्याण बनर्जी ने कहा कि उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्य चिंता ‘जन्म प्रमाण पत्र’ की आवश्यकता है, जिस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि जो मतदाता हैं, वे मतदाता बने रहेंगे. जो पहले से मतदाता हैं, वे मतदाता बने रहेंगे. अगर इसके बाद कोई भी नाम जोड़ा जाता है, तो वह सबूतों के आधार पर होगा. आयोग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ अपने संपर्क के तहत तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनके सुझाव प्राप्त किये. मई 2025 से अब तक निर्वाचन आयोग ने छह राष्ट्रीय दलों में से पांच के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. केवल कांग्रेस बाकी है. तृणमूल पहली राज्य स्तरीय पार्टी है, जिसके साथ आयोग ने नये मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद राजनीतिक दलों से संपर्क के तहत मुलाकात की. मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ बैठक में, तृणमूल नेताओं ने दोहरे मतदाता पहचान पत्र (इपीआइसी) कार्ड और मतदाता सूची के एसआइआर सहित अन्य मुद्दे उठाये. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एसआइआर सहित कई बिंदुओं पर प्रकाश डाला. बनर्जी ने कहा: आयोग ने कहा कि एसआइआर के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि कोई भी मतदाता छूट नहीं जाये, लेकिन हाल में जारी कुछ परिपत्रों के आधार पर, दृष्टिकोण पहले पात्रता और बाद में समावेश का प्रतीत होता है.

तृणमूल नेताओं ने मतदान के आंकड़ों को देर से जारी किये जाने का मुद्दा भी उठाया. राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय बलों के बूथों में घुसने और कुछ जगहों पर मतदाताओं को प्रभावित करने का मुद्दा भी उठाया. हकीम ने कहा: हमने उन्हें प्रस्ताव दिया कि अगर केंद्रीय बल है, तो राज्य पुलिस को भी बूथ के अंदर होना चाहिए. तृणमूल की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी लोकतंत्र में दो चीजों का सम्मान करती हैं – निर्वाचन आयोग और उच्चतम न्यायालय. हमारा मानना है कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष रहेगा. प्रतिनिधिमंडल में हकीम और बनर्जी के अलावा राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, अरूप विश्वास और राज्यसभा सदस्य प्रकाश चिक बराइक शामिल थे.

सुझाव: वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाये

तृणमूल नेताओं ने सुझाव दिया कि एसआइआर के लिए 2024 को आधार वर्ष बनाया जाना चाहिए. कल्याण बनर्जी ने कहा: संशोधित मतदाता सूची के बारे में, हमने बताया कि यद्यपि आप (चुनाव आयोग) संशोधन के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन यह भ्रम पैदा कर रहा है. कानून के तहत, संशोधन 2024 पर आधारित होना चाहिए, जो कि आधार स्तर है. इसका मतलब है कि 2024 तक नामांकित मतदाता किसी भी स्थिति के बावजूद बने रहने चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग ने इस पर ध्यान दिया और कहा कि वे इस पर विचार करेंगे.

चुनाव से पहले बड़ी संख्या में वोटर बढ़ने पर तृणमूल ने जतायी चिंता

तृणमूल के नेताओं ने चुनाव से पहले कथित तौर पर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जोड़ने पर भी चिंता जतायी और हरियाणा तथा दिल्ली का उदाहरण दिया. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव से पहले केवल 18 से 21 वर्ष की आयु के नये मतदाताओं को ही जोड़ा जाना चाहिए. बनर्जी ने कहा: लेकिन 50-60 वर्ष की आयु के लोग अचानक बड़ी संख्या में मतदाता सूची का हिस्सा कैसे बन सकते हैं और नये जोड़े गये लोगों की संख्या 40 हजार कैसे हो सकती है?

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