कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जूनियर डॉक्टर देवाशीष हल्दार, अनिकेत मेहता और असफाकुल्ला नैया अब नये विवाद में हैं. पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गयी पोस्टिंग को तीनों मानने को तैयार नहीं हैं. इन डॉक्टरों का आरोप है कि कुल 778 पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों में से केवल उनकी पोस्टिंग मनमाने तरीके से बदली गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें तुरंत काम पर लौटने का आदेश दिया है, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, यदि ये डॉक्टर समय पर ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं, तो बॉन्ड के नियमों के तहत उन पर भारी जुर्माना लग सकता है. डॉ असफाकुल्ला और अनिकेत पर 30 लाख रुपये तक, जबकि डॉ देवाशीष पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस मामले को लेकर डॉक्टर हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं.
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