कोलकाता. दक्षिण 24 परगना के रबींद्रनगर थाना क्षेत्र में मोबाइल फोन चोरी के आरोप में एक किशोर को उल्टा लटका कर बिजली के झटके देने व उसपर अमानवीय अत्याचार के मामले में पुलिस ने कारखाना के मालिक व मुख्य आरोपी शहंशाह उर्फ शमशेर आलम के अलावा उसके भाई फिरोज आलम व कारखाना के एक कर्मचारी अमीरुल मोहम्मद उर्फ आशिक को मुंबई से गिरफ्तार किया है. रबींद्रनगर व डायमंड हार्बर थाने के पुलिस अधिकारियों को लेकर गठित विशेष जांच दल ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को पुलिस ने मुस्तफा कमाल और तौहद आलम को गिरफ्तार किया था. यानी मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गयी है. अभी तक पीड़ित किशोर का पता नहीं चल पाया है. आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस किशोर का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ महीने पहले उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर इलाके का रहने वाला किशोर अपने भाई के साथ महेशतला के रबींद्रनगर थाना क्षेत्र के कानकुली पूर्वपाड़ा स्थित जींस पैंट में रंग करने वाले कारखाना में काम करने आया था. इसी बीच, किशोर को मारने-पीटने व उसे रस्सी से बांध कर उल्टा लटका कर बिजली के झटके देने की घटना का एक वीडियो (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं की है) सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. तब घटना का पता चला. आरोप है कि मोबाइल फोन चोरी करने का आरोप लगाकर किशोर पर अमानवीय अत्याचार किया गया. किशोर के परिवार ने कारखाना के मालिक शहंशाह समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ रबींद्रनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. मंटू के परिवार ने किशोर के सकुशल वापसी की मांग की है. साथ ही घटना के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी व उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है.
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