कोलकाता. राज्य के दीघा स्थित नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा और उससे एक दिन पहले लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये. अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने शनिवार को यह जानकारी दी. श्री दास ने कहा कि ””””””””उल्टा रथ”””””””” (वापसी रथ यात्रा) तक, यानी चार जुलाई तक, प्रतिदिन औसतन 70 हजार से एक लाख श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने की संभावना है. दीघा स्थित इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना और सभी धार्मिक अनुष्ठानों का दायित्व इस्कॉन के पास है. श्री दास ने कहा : नेत्रोत्सव के दो दिन मंदिर परिसर में कुल मिलाकर तीन लाख श्रद्धालु पहुंचे. श्री दास से जब आने वाले सप्ताह में अनुमानित श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा : हम हर दिन औसतन 70 हजार से एक लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि रुक-रुक कर लगातर हो रही बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है.
इस समय सभी धार्मिक अनुष्ठान उस अस्थायी मंदिर में किये जा रहे हैं, जिसे भगवान का मौसी का घर माना जाता है. यह स्थान मुख्य मंदिर से लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित है. श्री दास ने बताया कि 30 अप्रैल को मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के बाद से अब तक लगभग 33 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आ चुके हैं. दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) के एक अधिकारी ने कहा : समुद्र किनारे स्थित यह रिसॉर्ट अब पश्चिम बंगाल में एक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित हो चुका है.
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