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डिजिटल अरेस्ट के नाम पर डरा कर लोगों को ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर एक डॉक्टर से ठगे थे एक करोड़ रुपये

मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर एक डॉक्टर से ठगे थे एक करोड़ रुपये

पुलिस ने इस मामले में गिरोह के तीन सदस्यों को किया था अरेस्ट

तीनों से पूछताछ के बाद गिरोह के तीन और हुए अरेस्ट, 28.37 लाख रुपये बरामद

कोलकाता. खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर झूठे मामलों में फंसाने की बात कह कर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर लोगों से मोटी रकम ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को लालबाजार के एंटी बैंक फ्रॉड विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गये आरोपियों के नाम सुब्रत मल्लिक (32), पंकज मल्लिक (36) और विष्णु अग्रवाल (51) बताया गया है. इनके कब्जे से पुलिस को 28 लाख 37 हजार 400 रुपये जब्त किया गया है. इस गिरोह पर एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उससे एक करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में इसके पहले भी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके नाम सूरज कुमार सिंह, अरमान अख्तर खान और मोहम्मद जइनुद्दीन बताये गये हैं. तीनों से पूछताछ के बाद सुब्रत, पंकज और विष्णु के नाम का खुलासा हुआ था. जिसके बाद लेक टाउन के विभिन्न इलाकों से तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

कैसे पकड़े गये आरोपी: पुलिस सूत्र बताते हैं कि सर्वे पार्क थाने में डॉक्टर उत्पल कुमार बिट ने गत वर्ष नौ नवंबर को इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर एक अनजान व्यक्ति ने उनके मोबाइल में फोन किया.

फोन करने वाले ने उनसे कहा कि विदेश से उनके नाम पर एक पार्सल आया है, जिसे खोलने पर विदेशी ड्रग्स पाया गया है. इसके कारण ड्रग्स सप्लाई करने के आरोप में उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. इस जानकारी के बाद ही डॉक्टर कई घंटों तक इस गिरोह के झांसे में आकर कमरे में डिजिटल अरेस्ट होकर रह गये. पीड़ित डॉक्टर का आरोप है कि इस पूरे मामले से छुटकारा दिलाने के नाम पर आरोपियों ने किस्तों में उससे कुल एक करोड़ रुपये वसूल लिये.

पहले गिरोह के तीन सदस्य हुए गिरफ्तार, उनसे पूछताछ में तीन अन्य भी दबोचे गये: मामले की गंभीरता को देखते हुए लालबाजार के एंटी बैंक फ्रॉड विभाग की टीम ने मामले की जांच शुरू कर सूरज कुमार सिंह, अरमान अख्तर खान और मोहम्मद जइनुद्दीन को गिरफ्तार किया गया.

एक आरोपी का बैंक अकाउंट था, दूसरा आरोपी उस अकाउंट में आने वाले ठगी के रुपये को बैंक से नकद राशि के तौर पर निकालता था और तीसरा आरोपी उन राशि को अपने कब्जे में लेता था. तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि इस गिरोह में तीन और सदस्य फरार हैं. जिसके बाद इस गिरोह के तीन अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

इनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन, दो कम्प्यूटर, एक रुपये गिनने की मशीन, चार चेकबुक के साथ 28 लाख 37 हजार 400 रुपये नकद राशि जब्त की गयी. शेष तीन आरोपियों ने ठगी की राशि को क्रिप्टो करेंसी में बदलने का काम करते थे. आरोपियों से पूछताछ कर ठगी की शेष राशि को बरामद करने की कोशिश की जा रही है.

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