प्रतिनिधि, कल्याणी
ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के शांतिपुर में तीन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है. अमीरुल शेख, अशरफुल शेख और सबर अली नामक ये तीनों युवक काम के सिलसिले में ईरान गये थे और अब वहीं फंसे हुए हैं. उनके घर वापसी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. कुछ दिनों पहले परिजनों का उनसे मोबाइल पर संपर्क हो पा रहा था, लेकिन अब यह संपर्क लगभग बंद हो चुका है. शांतिपुर थाने के गोपालपुर मेलर गली इलाके के निवासी दो भाई अमीरुल शेख और अशरफुल शेख कुछ साल पहले काम के लिए ईरान गये थे और वहां सोने की दुकान में काम करते थे. सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन ईरान-इजराइल युद्ध शुरू होने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गयी है. दोनों देशों के बीच लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं, जिससे उनकी घर वापसी बेहद अनिश्चित हो गयी है. अमीरुल और अशरफुल की पत्नियां, बच्चे और अन्य परिजन शांतिपुर स्थित अपने घर पर हर दिन टीवी पर युद्ध की खबरें देख रहे हैं.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि दोनों भाइयों ने वापस लौटने के लिए हवाई जहाज की टिकट भी बुक करवा ली थी, और उन्हें कुछ ही दिनों में लौटना था. हालांकि, युद्ध के कारण अब वे आ नहीं पा रहे हैं. वे पहले व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपने परिजनों से बात कर रहे थे, लेकिन अब शायद ईरान के उस इलाके में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है, जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. परिवार वालों को यह भी नहीं पता कि दोनों भाई किस हालत में हैं, जिससे उनकी चिंता लगातार बढ़ रही है.
उसी इलाके के निवासी साबिर अली भी काम के सिलसिले में ईरान में फंसे हुए हैं. उनके परिवार के सदस्य भी बेहद चिंतित हैं, क्योंकि उनसे भी फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है और उनकी स्थिति के बारे में कोई खबर नहीं मिल पा रही है. घटना की जानकारी मिलने के बाद शांतिपुर के उस इलाके में पड़ोसी भी लगातार उनके हालचाल ले रहे हैं. खबर है कि राजनेताओं ने भी उनके परिजनों से बात की है. इन तीनों युवकों के परिजन चाहते हैं कि भारत सरकार इस पूरे मामले में कार्रवाई करे और ईरान तथा इजराइल में फंसे सभी भारतीयों को जल्द से जल्द सकुशल घर वापस लाए. परिजन लगातार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
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