कोलकाता.
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को डॉ भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रनिर्माण में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा बाबा साहेब पर किये गये उत्पीड़न व उन्हें राजनैतिक रूप से हाशिये पर धकेलने की तथाकथित घटनाओं पर बात की. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन में आयोजित कार्यक्रम में श्री ठाकुर ने कहा कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर मां भारती के सच्चे सपूत थे उन्होंने भारत वर्ष में व्याप्त कुप्रथाओं के अंत के साथ ही समरस समाज की स्थापना पर बल दिया. वंचित, पीड़ित, शोषित, गरीब, आदिवासी, महिलाएं इनके जीवन में बदलाव लाने के लिए बाबा साहेब आजीवन कार्यरत रहे और उन्हीं के सपनों को पूरा करने केंद्र की मोदी सरकार कटिबद्ध है. एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाबा साहेब के सपनों का भारत बनाने के लिए कार्यरत हैं तो वहीं दूसरी तरफ आजादी के समय से ही कांग्रेस बाबा साहेब को अपमानित करने व उनका प्रतिनिधित्व मिटाने के लिए काम करती रही. बाबा साहेब को बंगाल से संविधान सभा जाने से रोकने के लिए कांग्रेस ने सारे हथकंडे अपनाये और उनके चुनाव क्षेत्र को पाकिस्तान को दे दिया बाद में पुणे से हिंदू महासभा नेता एमआर जयकर ने अपनी सीट खाली कर बाबा साहेब को दी, जिससे वह संविधान निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें. अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को दो लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. दोनों बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ने ही हराया था. खास बात यह है कि इन दोनों चुनाव में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने आंबेडकर के खिलाफ चुनाव प्रचार किया था.श्री ठाकुर में कहा कि 1951 में नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते हुए बाबा साहेब ने कहा था कि नेहरू ने उन्हें आर्थिक नीतियों और कैबिनेट संस्थानों से दूर रखने का हरसंभव प्रयास किया और दलितों के मुद्दे की उपेक्षा कर सारा ध्यान मुस्लिम तुष्टिकरण पर दिया. बाबा साहेब कश्मीर मुद्दे और नेहरू की विदेश नीति का पुरजोर विरोध करते थे.
श्री ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के धरोहरों व उनके मूल्यों को सहेजने का काम सिर्फ़ भारतीय जनता पार्टी ने किया है. जिस व्यक्ति को संविधान निर्माता कहा जाता है कांग्रेस ने दीवार पर जगह नहीं होने का हवाला देकर उन्हीं की कोई तस्वीर संसद के केंद्रीय कक्ष में लगाने की मांग को कांग्रेस ने हमेशा खारिज किया. 1989 में जब भाजपा समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में बाबा साहेब का चित्र शामिल कराया. कांग्रेस बाबा साहेब से इतना नफरत करती थी कि उसने बाबा साहेब के देहांत के बाद भी उनका कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं बनने दिया. वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार ने बाबा साहेब को उचित सम्मान देते हुए उनके जन्मस्थान महू में बाबा साहेब का राष्ट्रीय स्मारक बनवाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर की जन्मस्थली, शिक्षास्थली, दीक्षा स्थली और उनसे जुड़े सभी स्थलों का पंच तीर्थ के रूप में विकास किया है. यह उनकी ही सरकार है जिसने संविधान दिवस मनाया और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया. बाबा साहब को भारत रत्न भी गैर कांग्रेसी सरकार में मिला. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने स्वयं को भारत रत्न से सम्मानित किया, राजीव गांधी को कांग्रेस सरकार में भारत रत्न मिला, लेकिन बीआर आंबेडकर को उनके निधन के बाद भी भारत रत्न नहीं दिया गया. गांधी परिवार ने आंबेडकर की बजाय खुद को भारत रत्न देने का काम किया. जब केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी तो श्री वाजपेयी के अनुरोध पर उस सरकार ने बाबा साहेब को भारत रत्न देकर उनका सच्चा सम्मान किया. इस मौके पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है