प्रतिनिधि, हुगली.
गुरुवार शाम गंगा नदी की छाती से अचानक उठे एक तेज बवंडर (टॉरनेडो) ने हुगली जिले के चुंचुड़ा षंडेश्वर मंदिर इलाके में भारी तबाही मचायी. तूफान के झोंकों ने एक के बाद एक कई पेड़ और बिजली के खंभे उखाड़ फेंके, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी. जिस समय यह तूफान आया षंडेश्वरतला में बैसाखी मेला चल रहा था. मेला परिसर में लगीं कई दुकानें और बच्चों के झूले पेड़ों के नीचे दबकर क्षतिग्रस्त हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले हल्की बारिश शुरू हुई और फिर अचानक एक गोल घूमती तेज हवा ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया. बिजली के पोल टूटकर तारों के साथ जमीन पर गिर गयेय मंदिर के पास कई पेड़ और डालियां टूट पड़ीं. हालांकि, मुख्य षंडेश्वर मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पास के एक छोटे मंदिर पर पेड़ की डाल गिरने से हल्की क्षति पहुंची. यह बवंडर षंडेश्वरतला से होते हुए श्यामबाबू के श्मशान घाट की ओर बढ़ा, जहां भी कई बिजली के खंभे टूट गये.
एक घायल, दो महिलाएं फंसीं
इस तूफान में एक दुकानदार विश्वजीत बंद्योपाध्याय पेड़ के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे तत्काल चुंचुड़ा इमामबाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, बैंडेल की बुन मस्जिद के पास एक मकान पर पेड़ टूटकर गिरने से उसमें दो महिलाएं फंस गयीं, जिन्हें दमकल विभाग ने खिड़की तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला.
बचाव कार्य और बिजली संकट
तूफान के बाद रात में ही चुंचुड़ा नगर निगम, दमकल विभाग और आपदा प्रबंधन दल ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया. चुंचुड़ा नगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य जयदेव अधिकारी ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है. कुछ जगहों पर तारों में करंट का खतरा होने के कारण पेड़ हटाने में समय लग रहा है.
उत्तर चंदननगर, खुशीगली और श्यामबाबू के घाट के इलाकों में मकान और वाहन पेड़ों के नीचे दबे हुए हैं. बिजली विभाग के कर्मचारी प्रभावित क्षेत्रों में सेवा बहाल करने के प्रयास में लगे हैं.
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