संवाददाता, कोलकाता
दीघा के जगन्नाथ मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए, खासकर आगामी रथ यात्रा के दौरान, परिवहन विभाग ने टोटो रिक्शा के संचालन को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है. राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दीघा मंदिर के आसपास लगभग 1800 टोटो चलते हैं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन्हें बारी-बारी से चलाया जायेगा. यानी एक दिन में 900 टोटो ही चलेंगे. मनमाना किराये पर लगायी जायेगी लगाम : मंत्री ने यह भी बताया कि टोटो, बस और ऑटो द्वारा मनमाना किराया वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं. इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने बस, ऑटो और टोटो मालिकों के साथ बैठक की है और उन्हें रथ यात्रा के दौरान पर्यटकों से उचित किराया वसूलने के सख्त निर्देश दिये हैं. दीघा मंदिर जाने वाली बसों को अब हेलीपैड ग्राउंड के पास खड़ा करने का निर्देश दिया गया है. राज्य में 200 नयी सीएनजी बसें उतारेगी सरकार : परिवहन मंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही 200 नयी सीएनजी एसी बसें उतारेगी. इन बसों की खरीद के लिए वित्त विभाग से मंजूरी मिल गयी है. राज्य सरकार के पास वर्तमान में लगभग 3000 सरकारी बसें हैं, जिनमें से लगभग 2470 का परिचालन होता है. कोलकाता में 700 सरकारी बसों में से लगभग 500 बसें चलायी जाती हैं.शहरी क्षेत्रों में टोटो और ई-रिक्शा पर प्रतिबंध :
परिवहन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्रों की मुख्य सड़कों पर टोटो और ई-रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं है. उन्होंने बताया कि इससे जाम लग सकता है और सड़क दुर्घटनाएं हो सकती हैं. कल्याणी और पूर्व बर्दवान में पहले ही टोटो और ई-रिक्शा के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है. अब सिलीगुड़ी के हिल कार्ट रोड और सेवक रोड पर भी ई-रिक्शा और टोटो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, सिलीगुड़ी के ग्रामीण क्षेत्रों में इन वाहनों के परिचालन पर कोई रोक नहीं है, यहां लगभग 4000 टोटो और 3937 ई-रिक्शा हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है