कोलकाता/नयी दिल्ली.
सांसद व तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा नेताओं के खिलाफ दर्ज किये गये 98 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं और शेष दो प्रतिशत वे लोग हैं, जो भाजपा की ‘वाशिंग मशीन’ में शामिल हो गये. गोखले ने इडी निदेशक राहुल नवीन के गुरुवार को दिये गये कथित बयान का हवाला देते हुए यह भी आरोप लगाया कि वर्ष 2014 के बाद मामलों में वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर हुई, जो उसी वर्ष सत्ता में आये थे. इडी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में नवीन ने कथित तौर कहा था कि धनशोधन रोधी कानून 2014 से पहले काफी हद तक अप्रभावी था, लेकिन उसके बाद से प्रवर्तन गतिविधियों में वृद्धि हुई है.शनिवार को तृणमूल नेता गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा : केंद्रीय एजेंसी इडी के प्रमुख ने माना कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद मामले दर्ज होने में उछाल आयी है. पिछले 11 वर्षों में इडी ने कुल 5,297 मामले दर्ज किये हैं. इनमें से कितने मामलों को सुनवाई के लिए अदालत ले जाया गया? केवल 47. इडी के मामलों में सजा की दर केवल 0.7 प्रतिशत है. इसका मतलब है कि दर्ज किये गये हर एक हजार मामलों में से केवल सात मामलों में ही आरोपी दोषी पाये गये. यानी हर 1000 मामलों में से 993 मामले इडी द्वारा केवल किसी व्यक्ति को जेल में रखने के लिए दर्ज किये जाते हैं, क्योंकि कठोर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत मिलना लगभग असंभव है. उन्होंने केंद्र सरकार पर जांच प्रक्रिया को सजा के तौर पर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया.
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