माध्यमिक परीक्षा में असफल छात्रों के लिए नदिया जिले के शिक्षकों की अनोखी पहल
कल्याणी. माध्यमिक परीक्षा के नतीजों में नदिया जिले का प्रदर्शन कुल मिलाकर संतोषजनक रहा है. लेकिन इसके बावजूद असफल होने वाले छात्रों की संख्या भी कम नहीं रही. ऐसे में फेल हो चुके छात्रों को नयी राह दिखाने के लिए जिले के शिक्षक एक मिसाल पेश कर रहे हैं. नदिया जिले के फुलिया विद्यामंदिर हाइस्कूल के शिक्षक परीक्षा में असफल हुए छात्रों के घर-घर जाकर उन्हें समझा रहे हैं कि असफलता ही अंत नहीं है.
13 छात्रों के लिए विशेष पहल : माध्यमिक परीक्षा के नतीजे कुछ दिन पहले घोषित किये गये थे. उत्तीर्णता दर प्रतिशत के लिहाज से अच्छी है, लेकिन संख्या के आधार पर असफल छात्रों की संख्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
फुलिया विद्यामंदिर हाइस्कूल के 13 छात्र इस साल परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गये थे. इन्हीं छात्रों को पढ़ाई में दोबारा उत्साहित करने और भावनात्मक सहारा देने के लिए शिक्षकों ने उनके घर जाकर व्यक्तिगत परामर्श देना शुरू किया है.
लोगों की तारीफ, छात्रों में आत्मविश्वास: शिक्षकों की यह पहल न केवल विद्यार्थियों को मानसिक सहारा दे रही है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक संदेश भेज रही है. कई स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस प्रयास की सराहना की है. छात्रों को भी इस पहल से नयी ऊर्जा और हिम्मत मिल रही है.
फुलिया विद्यामंदिर हाइस्कूल के शिक्षकों का यह कदम यह साबित करता है कि शिक्षक केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन निर्माण में मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाते हैं. उनका यह प्रयास शायद उन 13 छात्रों के लिए एक नया मोड़ साबित हो, जो दोबारा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं.
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजगता
कई बार देखा गया है कि जीवन की पहली बड़ी परीक्षा में असफल होने पर छात्र न केवल समाज, बल्कि परिवार के भीतर भी उपेक्षा और अपमान का सामना करते हैं. यह स्थिति मानसिक तनाव को जन्म देती है, जिसके चलते कुछ छात्र खतरनाक निर्णय तक ले बैठते हैं. इसी खतरे को समझते हुए फुलिया विद्यामंदिर के शिक्षकों ने तय किया कि वे छात्रों तक खुद पहुंचेंगे और उन्हें यह विश्वास दिलायेंगे कि असफलता के बाद भी जीवन में बहुत कुछ बाकी है.
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