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Unlock 2 : 5 जुलाई से खुलेगा मायापुर का इस्कॉन मंदिर, श्रद्धालुओं को नियमों का करना होगा पालन

Lockdown in bengal : कोलकाता : कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच बंगाल में कई शर्तों के साथ कई चीजों में छूट मिली है. इसी के तहत आगामी 5 जुलाई, 2020 से मायापुर स्थित इस्कॉन (Iskcon) का वैश्विक मुख्यालय इस्कॉन चंद्रदेव मंदिर (Iskcon Chandradev Temple) का द्वार श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए खुल जायेगा. हालांकि, कोविड -19 महामारी (Covid 19 Pandemic) के मद्देनजर कुछ एहतियाती प्रतिबंध भी लगाये गये हैं.

Lockdown in bengal : कोलकाता : कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) की रोकथामके मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच बंगाल में कई शर्तों के साथ कई चीजों में छूट मिली है. इसी के तहत आगामी 5 जुलाई, 2020 से मायापुर स्थित इस्कॉन (Iskcon) का वैश्विक मुख्यालय इस्कॉन चंद्रदेव मंदिर (Iskcon Chandradev Temple) का द्वार श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए खुल जायेगा. हालांकि, कोविड -19 महामारी (Covid 19 Pandemic) के मद्देनजर कुछ एहतियाती प्रतिबंध भी लगाये गये हैं.

मायापुर प्रशासनिक परिषद (Mayapur Administrative Council) के वाइस चेयरमैन माधव गौरांग दास ने बताया कि दर्शन का समय केवल सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे के बीच होगा. सभी आगंतुकों को मुख्य द्वार और मैन गेट से प्रवेश करना होगा, जहां सभी वाहनों को सैनिटाइज किया जायेगा. उसके बाद आगंतुकों (Visitor) की स्क्रीनिंग की जायेगी और फिर मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले विजिटर को सैनिटाइज किया जायेगा.

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उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि विजिटर ठीक से मास्क पहने हों. भीड़ नियंत्रण की एक उचित प्रणाली स्थापित की गयी है और विजिटर के प्रवेश द्वार के बीच सामाजिक दूरी (Social distancting) बनाये रखने के लिए निकास द्वार से अलग किया गया है.

परिसर के अंदर विजिटर की आवाजाही की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जायेगी. मंदिर परिसर, रेस्तरां, शौचालय आदि सभी स्थलों को हर दिन सैनिटाइज किया जायेगा. आगंतुकों (Visitor) की सुविधा के लिए प्रसादम को दोपहर में वितरित किया जायेगा और यह नि:शुल्क होगा.

श्री दास ने कहा कि चूंकि हमारे भक्तों और विजिटर की सुरक्षा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए हमने मंदिर खोलने के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय लिया. यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपकरण और उचित बुनियादी ढांचा की व्यवस्था की गयी.

उल्लेखनीय है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से प्रत्येक वर्ष 70 लाख से अधिक लोग मायापुर, श्री चैतन्य महाप्रभु के जन्म स्थान और इस्कॉन के मुख्यालय में आते हैं. वर्षों से मायापुर न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरी दुनिया का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया है. हालांकि, इस वर्ष वैश्विक महामारी ने दुनिया भर के उन भक्तों, तीर्थयात्रियों और विजिटर को बुरी तरह प्रभावित किया, जो आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में आते हैं और हरिनाम संकीर्तन के आनंदमय सागर में डूब जाते हैं.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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