कोलकाता. गुरुवार को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. हादसा कैसे हुआ, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाएं भी अक्सर होती रहती है. विमान हादसे के बाद एक बार फिर विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाओं की चर्चा होने लगी है. कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे पर कई बार विमानों से पक्षियों के टकराने की घटना सामने आयी है. साथ ही बस्ती इलाके हवाई अड्डे के करीब तक आते जा रहे हैं. आखिर यहां पक्षियों का इतना उत्पात क्यों है, यह सवाल लगातार उठता रहा है. दमदम हवाई अड्डे के आसपास पांच नगरपालिकाएं हैं. इनकी सबसे बड़ी समस्या गंदगी का अंबार है. भोजन की तलाश में मंडराते रहते हैं पक्षी: भोजन की तलाश में पक्षी अक्सर यहां जुटते हैं. दमदम नगरपालिका का हवाई अड्डे से 700 मीटर दूरी पर एचएमबी वैट है. वहां पर लगे गंदगी के अंबार पर पशुओं के साथ पक्षियों का भी आना-जाना लगा रहता है. दमदम नगरपालिका से ढ़ाई किलोमीटर दूरी पर सापुईपाड़ा, राजबाड़ी, सिद्धेश्वरी लेक मौजूद है. जलाशय के किनारे गंदगी लगातार बढ़ रही है. न्यूबैरकपुर नगरपालिका का डंपिंग ग्राउंड हवाई अड्डे से कुछ किलोमीटर दूरी पर है. आसपास के मछली व मांस दुकानदार भी अवशेष यहां फेंकते हैं. माइकलनगर में भी वैट मौजूद है. उत्तर दमदम नगरपालिका के एयरपोर्ट गेट नंबर तीन के गौरीपुर बस स्टैंड के पास स्थित वैट व बाजार मौजूद है. यह सब पक्षियों का बड़ा ठिकाना है. बेलघरिया एक्सप्रेसवे पर भी डंपिंग ग्राउंड है. यहां पर चार नगरपालिका की गंदगी फेंकी जाती है. एयरपोर्ट के पास ही डंपिंग ग्राउंड: दमदम हवाई अड्डे के पास यह सबसे बड़ा डंपिंग ग्राउंड है. यह हवाई अड्डे से सात किमी दूर है. यहां अक्सर लोग कचरे में आग लगा देते हैं. विमानों के लिए यह खतरा माना जाता है. आंकड़े बताते हैं कि 2020 में 10 विमान, 2021 में 10 विमान, 2022 में नौ विमान, 2023 में 18 विमान, 2024 में 26 विमान व 2025 के अप्रैल महीने तक चार विमान पक्षियों से टकरा चुके हैं. इससे साफ है कि यह विमानों के लिए कितना खतरनाक हैं. दमदम नगरपालिका के चेयरमैन हरिंदर सिंह ने कहा कि एमएमवी वैट की सफाई का काम अंतिम चरण में है. आगे कोई असुविधा नहीं होगी. पक्षियों को लेकर हवाई अड्डा प्रबंधन ने जानकारी दी थी. उनकी बातों का पूरा ध्यान रखा गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है