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Tata Pay ऐप को मिला लाइसेंस, गूगल पे से होगा मुकाबला

Tata Pay Payment App: टाटा ग्रुप काफी जल्द पेमेंट ऐप की दुनिया में एंट्री लेने वाली है. इस ऐप को आरबीआई की तरफ से 1 जनवरी के दिन लाइसेंस भी मिल चुका है. चलिए इस ऐप के बारे में डीटेल से जान लेते हैं.

Tata Pay App: टाटा ग्रुप के बारे में शायद ही कोई ऐसा हो जो कि न जनता हो. बात चाहे नमक बनाने की हो या फिर 5 स्टार सेफ्टी रेटेड कार्स, टाटा ग्रुप हर क्षेत्र में अपने लिए जगह बना चुका है. लगभग सभी फील्ड्स में नाम बनाने के बाद अब कंपनी एक नयी तैयारी में जुटी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स की अगर माने तो आने वाले कुछ ही समय में अपने पेमेंट ऐप के साथ मार्केट में एक ग्रैंड एंट्री लेने वाली है. इस ऐप की सबसे बड़ी बात यह भी है कि इसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से 1 जनवरी को एग्रीगेटर लाइसेंस भी दिया जा चुका है. इसका सीधा मतलब है कि अब यह कंपनी भी E-Commerce ट्रांजैक्शन करने में सक्षम होगी. अगर आप नहीं जानते हैं तो बता दें Tata Pay कंपनी की डिजिटल यूनिट Tata Digital का ही एक हिस्सा है. टाटा डिजिटल के माध्यम से ही कंपनी डिजिटल बिजनेस में हिस्सा लेती है. बता दें एक बार यह ऐप लॉन्च हो जाता है उसके बाद इसका सीधा मुकाबला मार्केट में पहले से मौजूद Google Pay जैसे ऐप्स से होने वाला है. तो चलिए इस ऐप के बारे में डीटेल से जान लेते हैं.

साल 2022 में डिजिटल पेमेंट ऐप को किया लॉन्च

टाटा ग्रुप के डिजिटल पेमेंट ऐप्लिकेशन की अगर बात करें तो इसे कंपनी ने पहली बार साल 2022 में लॉन्च किया था. लॉन्च के बाद से लेकर कंपनी अभी तक ICICI Bank के साथ पार्टनरशिप में यूपीआई पेमेंट्स कर रही थी. केवल यहीं नहीं, इसके साथ ही अब कंपनी टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए एक नयी स्ट्रेटेजी भी बना रही है. ऐसा करने के पीछे मुख्य कारण यही है कि, कंपनी अपने कस्टमर्स के साथ ट्रैक्शन बिल्ड नहीं कर सकी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें यह टाटा ग्रुप की तरफ से दूसरा पेमेंट बिजनेस है जिसका इस्तेमाल कंपनी की तरफ से किया जाएगा. बता दें ग्रामीण भारत में कंपनी के पास White Label ATM चलाने का लाइसेंस भी मौजूद है जिसका नाम कंपनी ने Indicash रखा है.

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RBI ने दिया लाइसेंस

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डेटा पर नजर डालें तो यह डेटा यह भी दिखाता है कि, Tata ने इससे पहले प्रीपेड पेमेंट बिजनेस जिसे हम मोबाइल वॉलेट के नाम से जानते हैं उसमें भी हाथ आजमाया है लेकिन यूजर्स की तरफ से इसपर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी थी. बाद में साल 2018 में कंपनी ने इसका लाइसेंस सरेंडर कर दिया. बाद में इस डिजिटल पेमेंट स्टार्टअप के फाउंडर ने एक बयान में कहा कि, पेमेंट एग्रीगेटर लाइट के साथ, टाटा सब्सिडियरी एंटीटीज के साथ सभी ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन कर सकते है और ये फंड्स को मैनेज करने में भी काफी मददगार साबित होगा.

Saurabh Poddar
Saurabh Poddar
Digital Media Journalist having more than 2 years of experience in life & Style beat with a good eye for writing across various domains, such as tech and auto beat.

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