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Jharkhand : हेमंत सोरेन की बेल से लेकर सत्ता में बदलाव तक, समझिए कैसे बदले राजनीतिक हालात

झारखंड की राजनीति में कभी कुछ स्थिर नहीं रहता है. 23 साल के झारखंड ने अबतक 13 मुख्यमंत्री और 3 बार राष्ट्रपति शासन काल देख लिया है. अबतक केवल रघुवर दास इकलौते मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया हो.

झारखंड की राजनीति में कभी कुछ स्थिर नहीं रहता है. 23 साल के झारखंड ने अबतक 13 मुख्यमंत्री और 3 बार राष्ट्रपति शासन काल देख लिया है. अबतक केवल रघुवर दास इकलौते मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया हो. इतनी अस्थिर राजनीतिक स्थिति में झारखंड ने 4 जुलाई को हेमंत सोरेन के रूप में 13वें सीएम का स्वागत किया है. विधानसभा चुनाव होने में मात्र 5 महीने ही बचे हैं.इस बीच जेल से बाहर आते ही हेमंत सोरेन ने सबसे बड़ा फैसला लिया मुख्यमंत्री के चेहरे में बदवाव के तौर पर. जिस राजभवन में 31 जुलाई की रात हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दिया था और जेल चले गए थे, उसी राजभवन में हेमंत सोरेन गुरूवार तीसरी बार सीएम पद की शपथ ले रहे थे.

इस पूरे घटना क्रम को हम हेमंत सोरेन की बेल के साथ समझ सकते हैं. 5 महीने से जेल में रहने के क्रम में हेमंत सोरेन ने कई दफा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही थी. हाई कोर्ट के रंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ में हेमंत सोरेन की बेल के पर सुनवाई चल रही थी. 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. 28 जून को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. हेमंत सोरेन को बेल मिल जाती है. कोर्ट अपने ऑर्डर कॉपी में यह कहती है कि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि वह दोषी हैं. इस जजमेंट के साथ हेमंत एक बार फिर से अपने उसी अंदाज में नजर आते हैं जिस अंदाज में वह जेल जाने से पहले रहा करते थे.

जेल से निकलते साथ हेमंत दहाड़ रहे थे. वहीं, विपक्ष लगातार चिल्ला रही थी कि अब चंपाई सोरेन के सामने मुश्किल होगी. हुआ भी कुछ वैसा ही. 3 तारीख को हेमंत सोरेन इंडिया गठब्ंधन की आपात बैठक बुलाते हैं. इस खबर के साथ ही चंपाई सोरेन अपने सभी सरकारी गैर सरकारी कार्यकर्म रद्द कर देते हैं. इस दौरान हेमंत सोरेन ने कांग्रेस आलाकमान को अपने फैसले के साथ सहमत कर लिया. सोनिया गांधी से फोन पर बात हुइ. गुलाम अहमद मीर से मुलाकत हुइ. बैठक से पहले चंपाई सोरेन से भी बात होती है. बैठक में बात बन गइ और रात ही रात राज्यपाल के पास चंपाई अपना इस्तीफा लेकर पहुंच जाते है. इसी वक्त हेमंत सोरेन भी सरकार बनाने का दावा पेश कर देते हैं.

दावा स्वीकार होता है. राज्पाल ने 4 जुलाई को ही सरकार बनाने का निमंत्रण भी दे दिया. पल पल बदलते राजनीतिक हालात में यह तय माना जा रहा था कि हेमंत सोरेन 7 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगे. झामुमो प्रवक्ता का बयान भी आ गया कि 7 जुलाई को हेमंत सोरेन शपथ लेने जा रहे हैं. 1 बजे आए इस बयान के ठीक आधे घंटे बाद एक और खबर निकलती है कि हेमंत सोरेन 7 नहीं बल्कि 4 जुलाई को ही शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं. शाम 5 बजे हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण का समय तय होता है. सवाल था कि क्या मंत्रिमंडल से कोई शपथ लेगा या अकेले हेमंत सोरेन ही आज मोर्चा संभालेंगे. सवालों के बीच शुरू होता है हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण. राज्य के मुखिया के तौर हेमंत सोरेन तीसरी बार शपथ लेते हैं. राजभवन प्रागंण में शिबू सोरेन और रूपी सोरेन भी मौजूद रहते हैं. उसी राजभवन में हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ और गोपनियता दुहराते है. अब 5 महीने तक झारखंड स्थिर सरकार की उम्मीद करती है. इस बीच आपको विधानसभा की गूंज भी सुनाई देगी. लेकिन इससे पहले सभी को इंतजार रहेगा मंत्रिमंडल विस्तार का.

Raj Lakshmi
Raj Lakshmi
Reporter with 1.5 years experience in digital media.

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