Sawan Ka Somwar: देवों के देव महादेव की आराधना का पावन महीना शुरू हो चुका, जो 04 अगस्त तक चलेगा. आज श्रावण मास की पहली सोमवारी है, जिसकी भव्य तैयारी व विशेष साज-सज्जा शहर के शिवालयों में की गयी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन की सोमवार को जो भक्त शिव की पूजा करता है, महादेव की उस पर पूरी कृपा बनी रहती है. आज शिवालयों में श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे. जलाभिषेक के साथ-साथ कई मंदिरों में रुद्राभिषेक पूजा भी होगी. जलाभिषेक में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर कमेटियों की तरफ से भी पूरी तैयारी की गयी है.
सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि आयुष्मान योग में शिव को दूध, दही, घी, मधु व ईख के रस से स्नान कराने से दीर्घायु, आरोग्य और वैवाहिक सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुहागन स्त्रियां शिव-पार्वती का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना कर रही हैं. मिथिलावासी घरों में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन कर रहे हैं. आज से सोलह सोमवारी व्रत की भी शुरुआत हो रही है. इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे. मंदिरों में रुद्राष्टक, लिंगाष्टक, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ और हर हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं. मंदिर समितियों ने भक्तों की सुविधा के लिए लाइन, बैरिकेडिंग और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की है. कई शिवालयों में संध्या समय शिव-पार्वती का विशेष श्रृंगार पूजा भी होगी.
शहर के प्रमुख शिवालयों में है विशेष तैयारी
1. महावीर मंदिर
2. पटनेश्वर महादेव मंदिर
3. भीमेश्वर नाथ महादेव मंदिर
4. त्रिपुरेश्वर नाथ महादेव मंदिर
5. गोपाल मंदिर (पटना सिटी)
6. बड़ी पटनदेवी मंदिर
7. शीतला माता मंदिर (अगमकुआं)
8. महादेवस्थान मंदिर, बांस घाट
पटना सिटी के प्रमुख शिव मंदिरों में जुटेंगे भक्त
सावन माह में पटना सिटी के प्रमुख शिव मंदिरों- गायघाट गौरीशंकर, माल्य महादेव, बाबा मुक्तेश्वरनाथ, पटनेश्वर, तिलकेश्वर नाथ आदि मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया है. सोमवारी पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर समितियों व प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं. अधिकतर मंदिरों में सुबह जलाभिषेक, शाम को शिव का विशेष श्रृंगार और अखंड कीर्तन का आयोजन हो रहा है. गायघाट गौरीशंकर व चित्रगुप्त मंदिर नौजर घाट में पूरे सावन रुद्राभिषेक किया जायेगा.
बाजार में फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा की मांग
बाजारों में पूजन सामग्री जैसे बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूलों की मांग बढ़ गई है. जलाभिषेक को निकली भक्तों की टोलियों से अशोक राजपथ और गांधी सेतु शिवमय हो गया. सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर तक यह यात्रा लगातार जारी है. सावन की सोमवारी पर लगने वाले श्रावणी मेले की भी प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. गौरीशंकर मंदिर समेत प्रमुख स्थलों पर पुलिस और दंडाधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की गयी है.
महावीर मंदिर : पूरी हुई रुद्राभिषेक की तैयारी
महावीर मंदिर में सावन माह के लिए श्री रुद्राभिषेक की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. मंदिर प्रशासन के अनुसार अब तक 1280 बुकिंग हो चुकी हैं. इस बार भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में एक और शिवलिंग स्थापित किया गया है. महावीर मंदिर न्यास समिति के सदस्य सायण कुणाल ने बताया कि सावन की सोमवारी और महाशिवरात्रि पर श्री रुद्राभिषेक के लिए 2750 रुपए तथा अन्य दिनों में 2310 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है.
खुसरूपुर : बैकुंठनाथ मंदिर में जुटेंगे श्रद्धालु
खुसरूपुर के बैकटपुर स्थित श्री गौरीशंकर बैकुंठनाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. पुजारी के अनुसार, करीब 50 हजार श्रद्धालुओं के जलाभिषेक व पूजा-अर्चना के लिए आने की संभावना है. फतुहां डीएसपी पंकज कुमार ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगी. अंचलाधिकारी उत्तम राहुल ने बताया कि गंगा घाट पर एसडीआरएफ की टीम अपनी बोट के साथ मौजूद रहेगी, वहीं दो पाली में मेडिकल टीम भी सेवा देगी. नगर परिषद की ओर से सफाई कर्मियों की तैनाती कर दी गयी है.
बिहटा : अहले सुबह से शुरू हो जायेगा जलाभिषेक
बिहटा स्थित बाबा बिहटेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक की तैयारी पूरी हो गयी है. श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुरुष और महिलाओं की कतारें अलग-अलग होंगी. मंदिर परिसर में सफाई, पेयजल और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गयी है. श्रावण मास में जलाभिषेक सुबह चार बजे से होगा, जबकि सोमवारी, त्रयोदशी और पूर्णिमा को 3:30 बजे से अर्घा से अभिषेक होगा. सोमवार को विशेष श्रृंगार व पूजा होगी. समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है.
पटना सिटी : गौरीशंकर मंदिर में होगा धार्मिक अनुष्ठान
गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर 525 वर्ष से अधिक पुराना है और सावन माह में यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है. साल भर विवाह, रुद्राभिषेक, भागवत, रामकथा और शिवरात्रि पर शिव विवाह जैसे धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. सोमवारी और पूर्णिमा को विशेष श्रृंगार होता है. मंदिर के सामने बड़ी संगत गुरुद्वारा है, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है.
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