Bihar Election: पटना. करीब 23 साल पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पटना में लाठी रैली निकाली थी. लालू प्रसाद की आवाज पर लाठी को तेल में डूबो कर गांधी मैदान में राज्य भर से बड़ी तादाद में राजद समर्थक पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे. अब लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव युवा हाथों को कलम बाट रहे हैं.
राजद ने झोंकी पूरी ताकत
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के युवा और विद्यार्थी मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोक दी है. बेशक सियासी विश्लेषक पटना में आयोजित छात्र-युवा संसद के दौरान बेशक उनकी घोषणाएं चुनावी मान रहे हैं, लेकिन पार्टी की पूरी निगाह युवा वोटर पर है. इसके पीछे की वजह खास है. दरअसल राजद के ‘ थिंक टैंक’ का मानना है कि 18-20 साल के युवा मतदाता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार-धंधा है. उसके लिए यह वोटर सियासी ढाल की तरह है. यह वह वोटर है, जो राजद के खिलाफ बहुप्रचारित जंगल राज के आरोप से पूरी तरह अछूते हैं.
पहली बार वोटर बने युवाओं पर नजर
राजद के एक करोड़ दस लाख से अधिक सदस्यों में करीब सात लाख 18-20 साल के मतदाता हैं. जबकि जानकारों के अनुसार 18 से 20 साल की आयु वर्ग के करीब 12 लाख मतदाता बिहार में पंजीबद्ध हुए हैं. अगर राजद के दावों पर भरोसा किया जाये तो उसके 18-20 साल के युवा सदस्यों की संख्या बिहार के कुल युवा वोटर की संख्या से आधे से भी अधिक है.
युवाओं के जुड़ने से पार्टी उत्साहित
राजद के सियासी रणनीतिकारों का मानना है कि यह वह वोटर है, जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया है. इस बार भी करने जा रहा है. यह सारी बातें राजद के सदस्यता अभियान के दौरान सामने आयी हैं. इससे राजद उत्साहित है. उसके इसी उत्साह की वजह से राजद ने अपने सियासी इतिहास में पहली बार छात्र-युवा संसद का आयोजन किया. सियासी जानकारों के अनुसार बिहार में किसी युवा एवं छात्रों को पहली बार किसी पार्टी ने पेन बांटे हैं.
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