Bihar Election: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. पार्टी ने मिशन 90 पर काम करना शुरू कर दिया है. संगठन के स्तर पर कांग्रेस अब पूरी गंभीरता और आक्रामक रणनीति के साथ चुनावी रणभूमि में उतरने जा रही है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने राज्य में 58 ऑब्जर्वर नियुक्त कर मैदान में झोंक दिए हैं. इनमें चार तेज-तर्रार महिलाएं भी हैं, जो कांग्रेस के महिला नेतृत्व की नयी पहचान बनकर उभरी हैं. अम्बा प्रसाद, विंग कमांडर अनुमा आचार्य, श्वेता सिंह और ममता देवी। इन निरीक्षकों की भूमिका सिर्फ पर्यवेक्षण नहीं, बल्कि बूथ से लेकर नेतृत्व तक की जमीनी हकीकत को आकार देना है.
2020 की 70 सीटों से बड़ा छलांग
कांग्रेस का दावा है कि वह इस बार महागठबंधन में 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. 2020 की 70 सीटों से इस बार 20 सीट अधिक लक्ष्य है. पार्टी ने रणनीतिक तरीके से सीटों को A, B और C श्रेणी में विभाजित किया है, ताकि जीत की संभावना वाले क्षेत्रों पर फोकस किया जा सके. A श्रेणी की 50 सीटों पर पार्टी का विशेष ध्यान है. पार्टी के उभरते युवा नेता अशोक चांदना हों या सामाजिक न्याय के योद्धा मनोज यादव, कांग्रेस नेतृत्व अब पुराने चेहरों के साथ नई पीढ़ी को भी मोर्चे पर उतार रहा है. वहीं विनोद चंद्राकर और अली मेहदी जैसे नेता कांग्रेस के अंदर विरोधाभासों और विवादों की झलक भी पेश करते हैं, जो मीडिया में चर्चित रहे हैं.
सिर्फ मैदान में नहीं, मुकाबले में भी पार्टी
चुनाव आयोग की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने अपने बीएलए नेटवर्क को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है. 58 पर्यवेक्षकों की फौज, मुद्दों की नई धार और जातीय समीकरणों की सटीक गणना के साथ पार्टी स्पष्ट संकेत दे रही है, इस बार कांग्रेस सिर्फ मैदान में नहीं, मुकाबले में भी है. बिहार की सियासी ज़मीन फिर से लाल होगी या तिरंगे का झंडा बुलंद होगा, यह तय करने की तैयारी में जुटी है कांग्रेस.
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