Bihar Election: पटना. बिहार में असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और राजद को खुला ऑफर देते हुए कहा है कि एकजुट हुए बिना बिहार में भाजपा को रोकना संभव नहीं है. अगर बिहार में एनडीए को रोकना है तो हम सबको साथ आना होगा. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पेशकश की है. पार्टी की तरफ से दावा किया गया है कि आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं के साथ उनकी बातचीत चल रही है. हालांकि महागठबंधन को लीड कर रहे तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है.
गठबंधन पर फैसला तेजस्वी को लेना है
एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में इंडिया अलायंस को खुला ऑफर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन बिहार में एनडीए की सत्ता में वापसी को रोकना चाहता है, तो हम साथ चलने को तैयार हैं, लेकिन फैसला महागठबंधन के सहयोगी दलों को लेना है. अगर वो तैयार नहीं होते हैं, तो हमारी पार्टी सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेगी. ओवैसी ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बात की है और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम नहीं चाहते कि बिहार में भाजपा या एनडीए की सत्ता में वापसी हो. अब यह उन राजनीतिक दलों पर निर्भर है, जो एनडीए को बिहार में सत्ता में वापसी से रोकना चाहते हैं.
गठबंधन नहीं हुआ तो सीमांचल के बाहर भी लड़ेंगे
एआईएमआईएम मुखिया ने कहा कि पांच साल पहले, मैंने व्यक्तिगत रूप से भी इसकी कोशिश की थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. इस बार भी हमारे प्रदेश अध्यक्ष कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह उन पर निर्भर है. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि अगर वो गठबंधन को तैयार नहीं होते हैं, तो हम सीमांचल और सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेंगे. मैं हर जगह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं. आनेवाले समय का इंतजार करें. सीटों की सटीक संख्या की घोषणा करना अभी जल्दबाजी होगी. हालांकि बहादुरगंज और ढाका की सीट के प्रत्याशियों का एलान कर चुका हूं.
सीमांचल में दिखा था जनाधार
ओवैसी 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. 2020 में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसमें से पांच सीटें जीती थीं. हालांकि बाद में AIMIM के 4 विधायक राजद में चले गए थे और अब सिर्फ एक मात्र विधायक अख्तरूल ईमान हैं. पार्टी को इन 20 सीटों पर डाले गए वोटों का 14.28% वोट मिला था. एआईएमआईएम ने जो पांच सीटें जीती थीं, वो सभी पूर्वी बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में आती हैं, जिसमें अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज सहित चार जिले शामिल हैं.
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