Bihar Politics: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. सीट शेयरिंग उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर खींचातानी तो है ही, साथ ही अब युवा आबादी वाले राज्य में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी बड़ी तैयारी चल रही है. एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव युवाओं को आगे करते नजर आते हैं, वहीं अब भाजपा के अंदर भी युवाओं को मौका देने और युवाओं को आगे लाने की बड़ी तैयारी चल रही है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में कई नेताओं का टिकट उनके अधिक उम्र के कारण कट सकता है, जिससे नेताओं की टेंशन बढ़ गई है. साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान ने भी सियासी हलचल बढ़ा दी है. मोहन भागवत ने कहा था कि जो 75 साल के नेता हैं अब वो जगह खाली करें युवाओं को आगे आने दें.
2014 से चला आ रहा है “75 की उम्र” का संकेत
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा में उम्र सीमा को लेकर नई परंपरा शुरू हुई थी. तब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को ‘मार्गदर्शक मंडल’ में स्थान दिया गया था. हालांकि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में इस परंपरा को सख्ती से लागू नहीं किया गया. बिहार से राधा मोहन सिंह और गिरिराज सिंह जैसे 70 पार नेता टिकट पाकर संसद पहुंचे. वहीं अश्विनी चौबे और रमा देवी का टिकट काट दिया गया.
इन विधायकों का कट सकता है टिकट
- डॉ. सीएन गुप्ता (छपरा विधायक) का जन्म 3 अप्रैल 1947 हुआ. इनकी उम्र 78 वर्ष है.
- अमरेंद्र प्रताप सिंह (आरा विधायक, पूर्व मंत्री) इनका जन्म 20 जुलाई 1947 में हुआ. इनकी उम्र 77 वर्ष है.
- अरुण कुमार सिन्हा (कुम्हरार विधायक) इनका जन्म 1 मई 1951 हुआ. इनकी उम्र 74 वर्ष है.
- नंदकिशोर यादव (पटना साहिब विधायक) इनका जन्म 26 अगस्त 1953 हुआ. इनकी उम्र 71 वर्ष है.
- प्रेम कुमार (सहकारिता मंत्री, गया) इनका जन्म 5 अगस्त 1955 हुआ. इनकी उम्र 69 वर्ष है.
पार्टी से कोई औपचारिक बयान नहीं
पार्टी नेताओं को फिलहाल इसको लेकर औपचारिक बयान सामने नहीं आया है. अगर मोहन भागवत के बयान को देखा जाए तो पीएम मोदी और सीएम नीतीश की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है. संघ प्रमुख का कहना कि 75 साल पूरा होने पर किसी भी नेता को जब शॉल ओढ़ाई जाती है, तो इसका एक मतलब है. ये मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है. आप को बाकियों को मौका देना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी की जन्मतिथि 17 सितंबर 1950 है. वे इस वर्ष 75 वर्ष के हो जाएंगे. नरेद्र मोदी जब वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बने थे तब कई भाजपा नेताओं को इसलिए मंत्री नहीं बनाया था, क्योंकि वे 75 साल के हो गए थे. ऐसे नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाला गया था. अब नरेंद्र मोदी भी 75 साल के हो रहे हैं, तो मोहन भागवत के 75 साल की उम्र पर की गई टिप्पणी को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
एक मार्च 2026 को नीतीश का 75 साल
नीतीश कुमार भी अगले वर्ष 1 मार्च 2026 को 75 साल के हो जाएंगे. सियासी जानकारों का कहना है कि मोहन भागवत के बयान को नीतीश कुमार के लिए भी खतरे की घंटी के तौर पर देखा जा सकता है. नीतीश कुमार को सीएम पद से हटाने के लिए पहले भी कई एनडीए नेता बयान दे चुके हैं. ऐसे में अब उनकी आयु 75 साल होने को है. अगर 75 साल की आयु शर्त के कारण नरेंद्र मोदी अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ते हैं, तो उस स्थिति में एनडीए में यह दबाव बन सकता है कि नीतीश कुमार को सीएम नहीं बनाया जाए.
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