Bihar Politics : पटना. बिहार विधान परिषद के सदस्यों को अब विधायक कहा जाएगा. हाल में हुए एक निर्णय के अनुसार बिहार में विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के सदस्यों को अब “विधायक” कहे जाने की अनुमति दी गई है. यह निर्णय भारत सरकार के स्तर पर लिया गया है, ताकि विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों को एक समान रूप से “विधायक” कहा जा सके. भारतीय संसदीय शासन व्यवस्था में पहले विधान परिषद की ही स्थापना हुई. बाद में जब विधानसभा की स्थापना हुई तो इसी सदन के सदस्यों को विधायक कहा जाने लगा.
सांसद की तरह अब होंगे केवल विधायक
इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के लिए जैसे सांसद का पदनाम है. इसी तर्ज पर विधानमंडल के सदस्यों के पदनाम में एकरूपता का निर्धारण किया गया है. अब विधानसभा के सदस्यों की तरह ही विधान परिषद के सदस्यों को भी विधायक कहा जायेगा. दरअसल, बिहार से बाहर जाने पर एमएलसी के साथ पहचान की बड़ी परेशानी होती है. वैसे राज्यों में जहां विधान परिषद नहीं है, वहां जब बिहार के एमएलसी का परिचय विधान पार्षद के रूप में दिया जाता है, तो वहां कई बार वार्ड पार्षद से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. अब विधायक कहे जाने से यह भ्रम दूर होगा.
फैल रहा था भ्रम
अब दोनों सदनों के सदस्यों को औपचारिक रूप से “विधायक” कहा जायेगा. माना जा रहा है कि इससे आम जन के बीच दोनों सदनों के सदस्यों को समान दर्जा और सम्मान मिलेगा. साथ ही जनता में भ्रम की स्थिति कम दूर होगी. आम लोगों को समझना आसान होगा कि विधान परिषद के सदस्य भी विधानमंडल के ही सदस्य हैं. बताया जा रहा है कि एमएलसी की जगह विधायक कहे जाने को यह एक प्रशासनिक और भाषिक सुधार के तहत किया गया है, ताकि संविधान और सरकारी अभिलेखों में अधिक स्पष्टता और एकरूपता लाई जा सके. साथ ही, भारत के अन्य हिस्सों में भी इस प्रकार की पहल की जा रही है.
Also Read: Bihar Election: राहुल गांधी अगस्त में आ रहे बिहार, नक्लसलग्रस्त इलाके में बितायेंगे रात