Bihar Politics: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में बड़ा संकेत देखने को मिला है. पहली बार जनता दल यूनाइटेड के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें औपचारिक रूप से लगाई गई हैं. यह कदम बिहार की राजनीति में संभावित नई दिशा की ओर इशारा करता है. नीतीश कुमार का भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता दो दशकों से बना रहा है, हालांकि बीच में वे करीब तीन साल महागठबंधन (RJD और कांग्रेस के साथ) का हिस्सा भी रहे. लेकिन यह पहली बार है कि जदयू के पार्टी कार्यालय में पीएम मोदी की तस्वीरों को सार्वजनिक रूप से और पूरे प्रचारात्मक अंदाज़ में जगह दी गई है. भाजपा और जदयू ने भले ही पिछले कुछ वर्षों में रास्ते अलग किए हों, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर गठबंधन की संभावनाएं खुली हुई दिख रही हैं.
नई दिशा की ओर इशारा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय में बड़ा राजनीतिक संकेत दिखा. पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जेडीयू दफ्तर में लगाई गई है. ये पोस्टर पार्टी मुख्यालय के मुख्य द्वार की दीवारों से लेकर अंदर तक लगाए गए हैं. विपक्ष को जवाब देने की कोशिश की गई है कि हम एक हैं. एनडीए में कोई बिखराव नहीं है. नीतीश-मोदी की यह साझा तस्वीरें सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि यह संकेत हैं कि जेडीयू अब पूरी तरह से एनडीए के साथ मजबूती से आगे बढ़ना चाहती है. विपक्ष की तरफ से उठाए गए नेतृत्व और विचारधारा के सवालों का जवाब इन पोस्टरों के जरिए दिया गया है.
इन मुद्दों पर बनाया गया पोस्टर का थीम
इन पोस्टरों में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की साझा तस्वीरों के साथ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को प्रमुखता से दिखाया गया है. रोजगार, महिला सशक्तिकरण और उद्योग स्थापना जैसे मुद्दों को पोस्टर की थीम बनाया गया है. नारे दिए गए हैं- “लग रहे उद्योग, मिल रहा रोजगार, फिर से NDA सरकार”, “महिलाओं की जय-जयकार, फिर से NDA सरकार”. चुनावी साल में जदयू का यह बदला हुआ रुख कई सियासी सवाल खड़े कर रहा है. आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक हलचलों का असर देखने को मिल सकता है.
पोस्टर में होती थी सिर्फ नीतीश की तस्वीर
जदयू ने 2024 में पॉलिटिकल क्राइसिस के समय निर्णय लिया था कि पार्टी के पोस्टरों में केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर रहेगी. उस फैसले को अब बदल दिया गया है. पोस्टरों में अब प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा प्रचार किया जा रहा है. विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा था कि जेडीयू एनडीए में होकर भी पीएम मोदी के साथ खुलकर नहीं आ रही. अब पहली बार मोदी की तस्वीरों के जरिए पार्टी दफ्तर में ‘डबल इंजन सरकार’ की झलक पेश की गई है. जेडीयू कार्यालय में नरेंद्र मोदी की तस्वीर की ‘एंट्री’ सियासी दृष्टिकोण से बड़ा बदलाव मानी जा रही है.
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