Bihar Politics: पटना. बात उस वक्त की है जब बिहार में राजद की सरकार थी. राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थी. लालू यादव भी राजनीति में सक्रिय थे. उस समय बिहार में दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र किसलय किशोर का पटना से अपहरण हो गया था. बिहार में उस वक्त विधानसभा चुनाव का माहौल था. पटना के गांधी मैदान में चुनावी रैली में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस अपहरण कांड पर बस इतना ही कहा ‘कहां है मेरा किसलय, कोई मेरे किसलय को लौटा दो’. अटल का ये बयान ताबूत की आखिरी कील साबित हुई.
राजद सरकार के लिए बन गया नासूर
अटल बिहारी वाजपेयी का वो एक वाक्य राजद सरकार के लिए नासूर बन गया. 2005 फरवरी में हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में राज्य की स्थिति पूरी तरह से खराब हो गई. नीतीश कुमार को एनडीए के तरफ से मुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन, महज 11 दिनों के बाद अल्पमत होने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन, 2005 के नवंबर में हुए चुनाव में जदयू और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई. माना जाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी का वह एक वाक्य ब्रह्मास्त्र की तरह काम किया और लालू राबड़ी की सरकार 15 साल पुरानी सरकार को हटना पड़ा.
अपहरण की घटना बढ़ गयी थी
उस समय बिहार में अपहरण की घटनाएं आम थी. बहुत ज्यादा अपहरण होते थे. लेकिन, जब अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेता अपहरण कांड पर बोल रहे थे तो, यह मसला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हो गया. बहुत बड़ा मुद्दा बन गया था और बिहार में जमकर इस पर राजनीति हुई थी. किसलय के अपहरण के बाद वाजपेयी के बयान ने इसे बहुत बड़ा कर दिया था. कई दिनों तक मीडिया में यह कांड छाया रहा. बाद में किसलय सकुशल बरामद हो गया था.
अटल के एक बयान और परिवर्तन
किसलय अपहरण कांड के बाद ही बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर चलने लगी थी. अटल बिहारी वाजपेयी का यह बयान उस समय बड़ा प्रहार के रूप में काम किया था. इस बयान ने बिहार के लोगों की सोच बदल दी थी और उसके बाद बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ था. अटल बिहारी वाजपेयी के उस बयान को आज भी लोग याद करते हैं. अब तक के इतिहास में अपहरण कांड पर प्रधानमंत्री ने इस तरह का बयान नहीं दिया था. लेकिन, अटल बिहारी वाजपेयी ने इस बयान को देकर पूरे बिहार की राजनीति को झकझोर दिया था.
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